आरोप लगाया है कि विभाग द्वारा बिना किसी स्पष्टीकरण और निष्पक्ष जांच के कर्मियों को सेवा से मुक्त किया जा रहा है. शिकायतों और लाभुकों के बयान के आधार पर सीधे कार्रवाई की जा रही है. इससे कई कर्मियों की पारिवारिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हो गई है.
- बिना जांच सेवा मुक्त करने और एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई पर फूटा कर्मियों का गुस्सा
- मानवाधिकार आयोग के आदेश के बावजूद मानदेय वृद्धि नहीं, सरकार और विभाग पर उठाए गंभीर सवाल
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के आवास कर्मियों ने राज्यस्तरीय संगठन सगासा संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले 24 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है. यह निर्णय सेवा मुक्त किए जा रहे कर्मियों, एफआईआर दर्ज करने जैसी दंडात्मक कार्रवाई और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर लिया गया है. हड़ताल से एक दिन पूर्व 23 जून को जिले के मुख्यालय पर सांकेतिक धरना प्रदर्शन होगा.
संगठन ने जिला पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त को पत्र देकर आरोप लगाया है कि विभाग द्वारा बिना किसी स्पष्टीकरण और निष्पक्ष जांच के कर्मियों को सेवा से मुक्त किया जा रहा है. शिकायतों और लाभुकों के बयान के आधार पर सीधे कार्रवाई की जा रही है. इससे कई कर्मियों की पारिवारिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हो गई है. नए कर्मियों को भी इसी प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है जिससे व्यवस्था पूरी तरह असंतुलित हो गई है.
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा चार साल पहले ग्रामीण आवास कर्मियों के मानदेय में वृद्धि का आदेश दिया गया था. लेकिन आज तक विभाग ने इस पर अमल नहीं किया है. बढ़ती महंगाई के बीच मौजूदा मानदेय पर जीवन यापन संभव नहीं है. संघ का कहना है कि लगातार विभाग और सरकार को अवगत कराने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
संघ ने चेतावनी दी है कि अगर 24 घंटे के भीतर उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया गया तो राज्यभर में अनिश्चितकालीन धरना और हड़ताल शुरू कर दी जाएगी. इससे सरकार की योजनाओं पर असर पड़ेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार व विभाग की होगी. हालांकि संघ ने स्पष्ट किया है कि आपदा और निर्वाचन संबंधी कार्यों का निर्वहन कर्मी नियमित रूप से करते रहेंगे. मौके पर कई आवास कर्मी मौजूद रहे.
0 Comments