बक्सर में बड़ा फैसला : डुमरांव की मुख्य पार्षद सुनीता गुप्ता पदमुक्त, संपत्ति छिपाने और टैक्स बकाया का मामला ..

आयोग को साक्ष्य के रूप में विभिन्न भूखंडों की रजिस्ट्री और दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिनसे यह सिद्ध हुआ कि सुनीता गुप्ता के नाम से नगर परिषद क्षेत्र में कई संपत्तियां हैं, जिनका टैक्स जमा नहीं किया गया और न ही इनकी जानकारी नामांकन पत्र में दी गई.










                                           




  • -राज्य निर्वाचन आयोग की सख्ती, अधिनियम उल्लंघन के तहत पद से हटाई गईं सुनीता गुप्ता
  • वाद संख्या-68/2023 में आशा देवी की याचिका पर हुआ फैसला, नई नियमावली में चुनी गईं पहली पार्षद थीं

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डुमरांव नगर परिषद की मुख्य पार्षद सुनीता गुप्ता को राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पदमुक्त कर दिया है. यह फैसला वाद संख्या-68/2023 में संपत्ति छुपाने और होल्डिंग टैक्स बकाया रखने के आरोपों पर लिया गया. इस मामले में वादी आशा देवी, जो पूर्व मुख्य पार्षद भी रह चुकी हैं, ने शिकायत दर्ज कराई थी.

वाद में आरोप था कि सुनीता गुप्ता ने बिहार नगरपालिका अधिनियम-2007 की धारा 18 (1)(K) का उल्लंघन किया है. वादी के अधिवक्ता रंजीत चौबे ने आयोग को साक्ष्य के रूप में विभिन्न भूखंडों की रजिस्ट्री और दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिनसे यह सिद्ध हुआ कि सुनीता गुप्ता के नाम से नगर परिषद क्षेत्र में कई संपत्तियां हैं, जिनका टैक्स जमा नहीं किया गया और न ही इनकी जानकारी नामांकन पत्र में दी गई.

प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता अवनीश कुमार और एसबीके मंगलम ने तर्क दिया कि होल्डिंग टैक्स की मांग पहली बार 13 जून 2024 को भेजी गई थी, जिसमें होल्डिंग संख्या नहीं दी गई थी और कुछ भूखंडों पर टाइटल सूट लंबित है.

हालांकि आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलों, दस्तावेजों और जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि प्रतिवादी ने जानबूझकर संपत्ति संबंधी जानकारी छुपाई और बकाया टैक्स की पुष्टि हो चुकी है. आयोग ने स्पष्ट किया कि जिन दो भूखंडों की जानकारी छिपाई गई, वे होल्डिंग संख्या-09 से अलग हैं और उनका टैक्स अब तक जमा नहीं किया गया.

राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने आदेश में कहा कि सुनीता गुप्ता को न केवल पद से हटाया जाता है, बल्कि उनके खिलाफ धारा-445 के तहत आगे की कार्रवाई की अनुशंसा भी की जाती है. अब डुमरांव नगर परिषद का मुख्य पार्षद पद रिक्त माना जाएगा और निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

गौरतलब है कि सुनीता गुप्ता नई नियमावली के तहत सीधे जनता द्वारा चुनी गई पहली मुख्य पार्षद थीं. आशा देवी द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद से ही यह मुद्दा चर्चा में बना हुआ था. शनिवार को जैसे ही आयोग का पत्र सामने आया, अटकलों पर विराम लग गया और यह स्पष्ट हो गया कि अब सुनीता गुप्ता की पार्षद की कुर्सी चली गई है.










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