आरोप है कि वर्ष 2016 से नगर परिषद प्रशासन बिना कर निर्धारण की प्रक्रिया पूरी किए, साजिश के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए बढ़ी दर से होल्डिंग टैक्स वसूलने का प्रयास कर रहा है. यहां तक कि लोगों को मोबाइल संदेशों के जरिए संपत्ति कुर्क करने और बैंक खाता फ्रीज करने की धमकी भी दी जा रही है.
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धरने को संबोधित करते वक्ता |
- सामाजिक मंच और जनता ने जताया विरोध, वार्ड पार्षदों से भी सहयोग की अपील
- मनमाने ढंग से होल्डिंग टैक्स वसूली और संपत्ति कुर्की की धमकी का आरोप
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के डुमरांव नगर परिषद प्रशासन की मनमानी और मनमाने ढंग से होल्डिंग टैक्स वसूली के खिलाफ डुमरांव में सोमवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया. सामाजिक मंच और नगर की जनता की ओर से आयोजित यह धरना पुराने नगर परिषद कार्यालय परिसर में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा. आयोजकों ने साफ किया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक प्रशासन इस मुद्दे पर स्पष्ट और न्यायसंगत जवाब नहीं देता.
आंदोलनकारी नागरिकों का आरोप है कि वर्ष 2016 से नगर परिषद प्रशासन बिना कर निर्धारण की प्रक्रिया पूरी किए, साजिश के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए बढ़ी दर से होल्डिंग टैक्स वसूलने का प्रयास कर रहा है. यहां तक कि लोगों को मोबाइल संदेशों के जरिए संपत्ति कुर्क करने और बैंक खाता फ्रीज करने की धमकी भी दी जा रही है.
सामाजिक मंच का कहना है कि नगर विकास एवं आवास विभाग के पत्र सं. 04 (न) विविध-95/12-3155 दि. 30.12.2013 के आदेश की खुलेआम अवहेलना की जा रही है. साथ ही, 3 नवंबर 2023 को सौंपे गए 28 सूत्री मांग पत्र और 28 मार्च 2025 को दिए गए अनिश्चितकालीन धरने की पूर्व सूचना का भी अब तक कोई जवाब प्रशासन ने नहीं दिया है. मंच ने यह भी आरोप लगाया कि नगर परिषद उच्च पदाधिकारियों को गुमराह करने के लिए लगातार गलत जानकारी उपलब्ध कराता रहा है.
धरना स्थल पर मौजूद मंच के सदस्यों ने कहा कि यह संघर्ष सिर्फ कर वसूली का मुद्दा नहीं है, बल्कि नागरिकों की मेहनत की कमाई से अर्जित संपत्ति को नीलामी से बचाने की लड़ाई है. उन्होंने नगरवासियों से अपील की कि वे अपने-अपने वार्ड पार्षदों के साथ धरना स्थल पर पहुंचें और आंदोलन को मजबूत करें.
सामाजिक मंच के संयोजक प्रदीप शरण ने कहा, “नगर परिषद प्रशासन का रवैया पूरी तरह से तानाशाहीपूर्ण है. बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किए आम जनता से जबरन वसूली की जा रही है और उन्हें धमकाया जा रहा है. हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक यह मनमानी बंद नहीं होती और जनता को न्याय नहीं मिलता. यह आंदोलन जनता की संपत्ति बचाने की लड़ाई है, इसलिए हम सबको मिलकर इसे मजबूत बनाना होगा।”
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