लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्य बिना प्राक्कलन राशि और योजना बोर्ड लगाए ही शुरू कर दिया गया. लोगों का कहना है कि जहां मानक के अनुसार 6 इंच मोटी ढलाई होनी चाहिए, वहां महज 1 इंच ढलाई कर खानापूर्ति की जा रही है.
- नगर में हो रहे नर्माण की गुणवत्ता पर सवाल, काम जारी
- वार्ड 7 की गली ढलाई में मानकों की अनदेखी का आरोप
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर परिषद द्वारा शहर के विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है. नालियों के निर्माण से लेकर गलियों की ढलाई तक काम चल रहा है, लेकिन इसी रफ्तार के बीच अब गुणवत्ता और मानकों की अनदेखी के आरोप सामने आने लगे हैं. ताज़ा मामला नगर परिषद के वार्ड संख्या 7 का है, जहां गली की ढलाई में गंभीर खामियों की बात कही जा रही है, बावजूद इसके निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.
जानकारी के अनुसार, वार्ड संख्या 7 के गली नंबर 6 में पीसीसी सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है. स्थानीय निवासी अंशु कुमार सहित अन्य लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्य बिना प्राक्कलन राशि और योजना बोर्ड लगाए ही शुरू कर दिया गया. लोगों का कहना है कि जहां मानक के अनुसार 6 इंच मोटी ढलाई होनी चाहिए, वहां महज 1 इंच ढलाई कर खानापूर्ति की जा रही है. आरोप यह भी है कि वार्ड पार्षद स्वयं मौके पर बैठकर आनन-फानन में काम करा रहे हैं.
स्थानीय निवासियों ने इस पूरे मामले की शिकायत नगर परिषद के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि और संबंधित अधिकारियों से की. शिकायत के बाद मुख्य पार्षद के निर्देश पर कथित तौर पर सहायक अभियंता और कनीय अभियंता ने स्थल निरीक्षण कर जांच की, लेकिन जांच के बावजूद काम नहीं रोका गया और निर्माण कार्य लगातार जारी है.
उधर, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि राहुल कुमार सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ कराया जा रहा है. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि योजना और प्राक्कलन राशि का बोर्ड अभी नहीं लगा है, लेकिन बोर्ड बन चुका है और जल्द ही उसे लगा दिया जाएगा.
वहीं नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि नियामतुल्लाह फरीदी ने कहा कि मामले की जांच सहायक अभियंता और कनीय अभियंता से कराई गई है. हालांकि अभी तक जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
इधर, शहर के जानकार और अनुभवी लोग मानते हैं कि जनता अब हर विकास कार्य पर पैनी नजर रखे हुए है. गुणवत्ता से समझौता और नियमों की अनदेखी का हिसाब समय आने पर जरूर लिया जाएगा, और इसका जवाब संबंधित लोगों को चुनाव के दौरान जनता के सामने देना पड़ेगा.





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