खबर है कि इस मार्ग में 16 किलोमीटर तक सड़क निर्माण एवं अनुरक्षण के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लगभग 5 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति मिल चुकी है. सड़क को 5 साल तक दुरुस्त रखने के लिए तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये की 5 वर्षीय अनुरक्षण के लिए भी निर्धारित की गई है.
- 5 करोड़ की राशि से होगा निर्माण, अंतिम चरण में है टेंडर की प्रक्रिया
- कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क है बदहाल
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राष्ट्रीय राजमार्ग- 84 के बक्सर गोलंबर से जासो, नदाँव, कुल्हड़िया, सुरौंधा के रास्ते डुमराँव को जाने वाली सड़क पहली ही बरसात में जलमग्न हो गई है. इस रास्ते से होकर गुजरने वाले लोगों को भारी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच एक राहत की खबर है कि इस मार्ग में 16 किलोमीटर तक सड़क निर्माण एवं अनुरक्षण के लिए ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लगभग 5 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति मिल चुकी है. सड़क को 5 साल तक दुरुस्त रखने के लिए तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये की 5 वर्षीय अनुरक्षण के लिए भी निर्धारित की गई है. मतलब कि सड़क बनने के पश्चात अगले 5 सालों तक चकाचक रहे इसकी भी व्यवस्था कर ली गई है.
बताया जा रहा है कि इस सड़क के बन जाने से इस रास्ते से जोड़ने वाले दर्जनों गांवों के लोगों को काफी सहूलियत होगी. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे आदि उभरने के कारण लोगों को बेहद मुश्किलों से इस सड़क पर यात्रा करनी पड़ती है. बताया जा रहा है कि टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. लॉकडाउन लग जाने के कारण अब 31 जुलाई के तुरंत बाद टेंडर की प्रक्रिया को पूरा करते हुए कार्यारम्भ कर दिया जाएगा.
एक बार बनने के बाद कभी नहीं ली गई सड़क के अनुरक्षण की सुध:
बताया जाता है कि, निर्माण के बाद से ही समय-समय पर मरम्मत, अनुरक्षण एवं देखरेख नहीं होने के कारण यह कई जगह से टूट गई है. हालात यह हो गए हैं कि, बरसात के दिनों में कौन कहे आम दिनों में भी यहां जलजमाव का नजारा साफ तौर पर देखा जाता है. यह जलजमाव घरों से निकलने वाले नालियों के पानी के कारण हैं. एक तो सड़क पर गड्ढे बने हुए हैं ऊपर से नालियों के पानी भर जाने से गड्ढों की वास्तविक गहराई का अंदाजा नहीं चल पाता जिससे कि, बड़ी दुर्घटनाओं के होने की प्रबल आशंका बनी रहती है. वहीं, छोटी-मोटी दुर्घटनाएं तो अक्सर इस सड़क पर देखने को मिलती है.
जनप्रतिनिधियों से अधिकारियों तक गुहार लगाने के बाद भी नहीं सुधरे हालात:
बक्सर विधानसभा के अंतर्गत आने वाली इस सड़क के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक के यहां गुहार लगाई लेकिन, हालात में अब तक कोई विशेष सुधार नहीं हो सका है. स्थानीय निवासी मंटू कुमार बबुआ जी बताते हैं कि, पिछले दिनों स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने गड्ढों में ईंट भरकर उसे दुरुस्त किए जाने का कार्य तो किया लेकिन, वह कार्य इस सड़क की दुर्दशा को दूर करने के लिए नाकाफी है.
कहते हैं अधिकारी:
सड़क के टेंडर की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. अब फिर से लॉक डाउन लग जाने के कारण 31 जुलाई के बाद ही इस सन्दर्भ में आगे की कार्रवाई की जा सकेगी.
राम कुमार पोद्दार
कार्यपालक अभियंता
ग्रामीण कार्य प्रमंडल
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