विजयादशमी महोत्सव : राम से मिले भरत तो बही अश्रुधारा, प्रसंग देख भावविभोर हुए लोग ..

नगर भ्रमण के दौरान नगर वासियों द्वारा जगह जगह भगवान का पूजन, आरती और स्वागत किया गया. इस प्रंसंग को देखकर दर्शक भावुक हो गए. उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच से लगातार हो रहे जय श्रीराम के उद्घोष से सम्पूर्ण क्षेत्र गुंजायमान होने लगता हैं. इस दौरान कार्यक्रम स्थल श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था.







- भरत मिलाप प्रसंग का किया गया मंचन
- मौके पर निकाली गई कई आकर्षक झांकियां

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में ऐतिहासिक किला मैदान में चल रहे 21 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के दौरान बीसवें दिन शुक्रवार को नगर के मध्य स्थित यमुना चौक पर रामलीला के प्रमुख प्रसंग "भरत मिलाप" कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सबसे पहले भगवान श्रीराम का रथ नगर के कृष्णा सिनेमा रोड स्थित प्रदुमन जी के हाता से नगर भ्रमण करते हुए जमुना चौक पर मध्य रात्रि को पहुंचता है. वहीं दूसरी तरफ स्थानीय मल्लाह टोली स्थित हनुमान मंदिर से भरत जी का रथ सड़क मार्ग से जमुना चौक पर पहुंचता है, जहां भरत मिलाप का दृश्य मंचित होता है. 

वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध श्री नंद-नंदन रासलीला एवं रामलीला मंडल के स्वामी श्री करतार बृजवासी के सफल निर्देशन में  दिखाया गया कि रावण को मारने के पश्चात प्रभु श्री राम, अंगद सुग्रीव, विभीषण इत्यादि पुष्पक विमान पर सवार होकर अयोध्या पुरी के लिए प्रस्थान करते हैं. इधर प्रभु श्रीराम के आने की अवधि का एक दिन शेष रह जाने पर दुखी भरत मन में विचार करते हैं कि मेरे प्राणों का सिर्फ एक दिन शेष रह गया है, अगर मेरे स्वामी नहीं आते हैं तो मुझे जीने का कोई अधिकार नहीं है. मैं अपने प्राणों का परित्याग कर दूंगा. उसी समय हनुमान जी ब्राह्मण के वेश में भरत जी के पास आते हैं और उन्हें प्रभु श्री राम के आगमन की जानकारी देते हैं. भरतजी गुरु वशिष्ट सहित सभी को प्रभु के आने की खबर देते हैं. 

यह सुनकर नगरवासी खुशी से झूमने लगते हैं. अटांरियों से प्रभु की झलक पाने को नारियां बेताब हो जाती है. भगवान की आरती व स्वागत के लिए माताएं थाल सजाने लगती है. इधर हनुमान जी भरत को समाचार देने के पश्चात प्रभु श्री राम के पास लौट कर आते हैं, और घर की कुशलता बताते हैं.  श्री राम पुष्पक विमान पर बैठे हुए बंदर और भालू को दूर से ही अपनी जन्मभूमि दिखाते हुए उसका बखान करते हैं. नगर वासियों को अयोध्या पुरी के द्वार पर आते देख प्रभु अपनी पुष्पक विमान को नगर के बाहर ही उतारते है और पुष्पक विमान को लौटा देते हैं. गुरु वशिष्ट जी नगर के द्वार पर देखकर लक्ष्मण सहित श्री राम धनुष बाण छोड़ कर उनका चरण स्पर्श करते हैं. 

इधर भरत जी अपने प्रभु श्रीराम के चरणों से लिपट जाते हैं और प्रेमांसुओं की धारा तीव्र रूप से चलने लगती है. श्रीराम उन्हें चरणों से उठाकर गले लगाते हैं. 

शत्रुघ्न से गले लगते हैं. खुशी से सबकी आंखे छलछला जाती हैं और चारों तरफ जय श्री राम की गूंज सुनाई देने लगती है. सरयू का जल निर्मल हो जाता है और अवधपुरी के पशु पक्षी, पेड़ पौधे उत्साहित हो जाते हैं, पूरा माहौल खुशनुमा हो जाता है. इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्धाटन सदर एसडीएम धीरेन्द्र मिश्रा द्वारा फीता काटकर किया गया. 

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में रेडक्रॉस सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी, जदयू नेता संजय सिंह, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी रोहित मिश्रा, नगर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार, गौशाला समिति के रोहतास गोयल, समिति के कोषाध्यक्ष सुरेश संगम, रेड क्रॉस के प्रदेश पदाधिकारी दिनेश जायसवाल, पंकज मानसिंहका आदि उपस्थित रहे. उद्धाटन के पश्चात् समिति द्वारा सभी आगत अतिथियों को अंगवस्त्र के रुप श्रीराम लिखा वस्त्र ओढाकर सम्मान किया गया. 

इस दौरान नगर के विभिन्न पूजा पंडालों द्वारा कई आकर्षक लाग व झांकी निकाली गई. विभिन्न संस्थाओं द्वारा निकाले गये लाग और झांकी को भरत मिलाप आयोजन समिति की तरफ से नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई. भगवान राम के रथ के नगर भ्रमण के दौरान नगर वासियों द्वारा जगह जगह भगवान का पूजन, आरती और स्वागत किया गया. इस प्रंसंग को देखकर दर्शक भावुक हो गए. उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच से लगातार हो रहे जय श्रीराम के उद्घोष से सम्पूर्ण क्षेत्र गुंजायमान होने लगता हैं. इस दौरान कार्यक्रम स्थल श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था.

भरत मिलाप कार्यक्रम की अध्यक्षता आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री तारकेश्वर प्रसाद सर्राफ उर्फ राम जी बाबू एवं संचालन श्री रामलीला समिति के कोषाध्यक्ष सुरेश संगम ने किया. वहीं स्वागत भाषण एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति के सचिव बैकुण्ठ नाथ शर्मा ने किया. इस मौके पर समिति के पदाधिकारियों संयुक्त सचिव सह मीडिया प्रभारी हरिशंकर गुप्ता, उदय सर्राफ उर्फ जोखन जी, रमेश वर्मा, विनय कुमार केसरी समेत कई लोग मौजूद रहे.





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