उपभोक्ता आयोग का फैसला : सहारा इंडिया के एमडी और शाखा प्रबंधक होंगे गिरफ्तार ..

कंपनी को 45 दिनों का समय भी दिया गया था. कंपनी ने ऐसा नहीं किया जिसके बाद अब कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के साथ-साथ डुमरांव शाखा के शाखा प्रबंधक के विरुद्ध वारंट जारी किया गया. चूंकि कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर सुब्रत राय सहारा फिलहाल जेल में बंद है ऐसे में कार्यकारी प्रबंध निर्देशक को सजा भुगतनी होगी.
साथी अधिवक्ता से बात करते वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु दत्त द्विवेदी






 
- डुमरांव निवासी व्यक्ति के मामले में आयोग ने सुनाया फैसला
- 45 दिनों का समय बीतने के बाद भी नहीं हुआ भुगतान तो अपनाया कड़ा रुख

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिला उपभोक्ता फोरम गुरुवार को एक फैसला सुनाते हुए सहारा इंडिया के प्रबंध निदेशक के साथ-साथ डुमरांव के सहारा इंडिया के शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी कर दिया है. एसपी मनीष कुमार को यह निर्देश दिया गया है कि जल्द ही इन्हें गिरफ्तार किया जाए. मामला निवेशक को भुगतान नहीं किए जाने से जुड़ा हुआ है. 

इस संदर्भ में जानकारी देते हुए परिवादी के अधिवक्ता विष्णु दत्त द्विवेदी ने बताया कि डुमरांव के अयोध्या सिंह की गली निवासी सुदर्शन सिंह ने सहारा इंडिया के क्यू शॉप नामक योजना में पैसे निवेश किए थे. परिपक्वता हो जाने के बावजूद कंपनी के द्वारा उसका भुगतान नहीं किया जा रहा था. ऐसे में उन्होंने वर्ष 2019 में उपभोक्ता न्यायालय में परिवार दायर किया उपभोक्ता न्यायालय के द्वारा सहारा इंडिया कंपनी को यह आदेश दिया गया कि वह उपभोक्ता को 4,14,500 रुपये ब्याज के साथ लौटाए. इसके लिए कंपनी को 45 दिनों का समय भी दिया गया था. कंपनी ने ऐसा नहीं किया जिसके बाद अब कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के साथ-साथ डुमरांव शाखा के शाखा प्रबंधक के विरुद्ध वारंट जारी किया गया. चूंकि कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर सुब्रत राय सहारा फिलहाल जेल में बंद है ऐसे में कार्यकारी प्रबंध निर्देशक को सजा भुगतनी होगी.

इसी साल सहारा के सेबी फंड से 5000 करोड रुपये हुए थे आवंटित

बता दें कि इसी साल जुलाई माह में सहारा सेबी फंड से 5000 करोड रुपये सहारा के 1.1 करोड़ ग्राहकों के पैसे भुगतान करने के लिए अलॉट किए गए थे, जिसके लिए सीआरसीएस पोर्टल के माध्यम से भुगतान किया जाना था, जिन ग्राहकों के पैसे फंसे हुए हैं उन्होंने ऑनलाइन अनुरोध भी कर दिया है. लेकिन अब तक भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है.

आयोग के फैसले से ग्राहकों में खुशी :

उपभोक्ता आयोग के इस फैसले से स्थानीय ग्राहकों में खुशी है. उनका कहना है कि जब तक सहारा के अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक सभी ग्राहकों के पैसे लौटाने के आसार दिखाई नहीं देंगे. अभी तो जो 5000 करोड रुपये भी आए हैं वह भी नहीं वितरित किए जा रहे.

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