वीडियो : बगैर निबंधन के संचालित था अनैतिक कार्यों का अड्डा बना यह अस्पताल, सिविल सर्जन ने की बड़ी कार्रवाई ..

यह स्पष्ट कर दिया कि जैसे ही उन्हें इस मामले की जानकारी हुई उन्होंने तुरंत तफ्तीश कराई और यह ज्ञात हुआ कि अस्पताल बिना निबंधन के चल रहा है. 









- अस्पताल में नियमित रूप से पार्टियां होने के भी मिल रहे सबूत
- शराब, कबाब और शबाब तीनों के रहते थे इंतजाम 

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर के चरित्रवन मोहल्ले में संचालित हो रहे शील हॉस्पिटल में शराब की पार्टी होने की बात सामने आने के बाद जहां मामले में प्राथमिकी दर्ज कर दो लोगों को जेल भेज दिया गया वहीं संचालक डॉ सुनील कुमार की तलाश की जा रही है. पकड़े गए व्यक्तियों ने पुलिस को जो जानकारी दी है उसके आधार पर कुछ अन्य लोगों को भी मामले में संलिप्त पाया गया है जिनकी तलाश जारी है. वहीं दूसरी तरफ अस्पताल को लेकर लगातार कई खुलासे भी सामने आ रहे हैं. सघन बस्ती में संचालित हो रहे इस अस्पताल में फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं हैं. दवाओं की बिक्री करने के बावजूद ड्रग लाइसेंस भी नहीं हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जब से यह अस्पताल यहां खोला गया है तब से इसका निबंधन भी नहीं कराया गया है. 

ऐसे में अस्पताल संचालक को लेकर जब स्वास्थ्य विभाग से सवाल पूछे गए तो सिविल सर्जन ने यह स्पष्ट कर दिया कि जैसे ही उन्हें इस मामले की जानकारी हुई उन्होंने तुरंत तफ्तीश कराई और यह ज्ञात हुआ कि अस्पताल बिना निबंधन के चल रहा है. ऐसे में तत्काल कार्रवाई करते हुए नियमानुसार 50 हज़ार रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया है.

सिविल सर्जन ने कहा कि बिना लाइसेंस के चल रहे अस्पतालों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त है. ऐसे में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से यह कहा गया है कि वह अपने इलाके के सभी निबंधित और गैर-निबंधित अस्पतालों के संदर्भ में अपना प्रतिवेदन दें. सिविल सर्जन ने कहा कि मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

शराब सेवन से लेकर कई अनैतिक कार्यों का अड्डा :

सूत्रों की माने तो अस्पताल में शराब पार्टी का यह कोई पहला मामला नहीं है. यहां नियमित रूप से अस्पताल संचालक और कर्मी बैठकर शराब पीते हैं तथा कई अनैतिक कार्य भी करते हैं. जब पुलिस आने की सूचना मिलती है तो ये सभी इंटरकनेक्टेड रास्ते से नील हॉस्पिटल में निकल जाते हैं और वहां से धीरे से फरार हो जाते हैं. इस बार भी जब बीते शनिवार को वह छापेमारी हुई तो कई लोग नील हॉस्पिटल के रास्ते फरार हो गए.

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