न्यायालय से जमानत मिलने के बाद विभाग ने किया उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक को निलंबित ..

आदेश में कहा गया है कि उत्पाद अधीक्षक लंबे समय से अनुपस्थित है तथा उनके विरुद्ध के बक्सर औद्योगिक थाने में दर्ज शराब तस्करी के मामले में उनकी की संलिप्तता के आरोप को पुलिस अधीक्षक ने अपनी जांच में सही करार दिया है. उनके खिलाफ मामला अभी अन्वेषणाधीन है, जिसके कारण निलंबन की कार्रवाई की गई है.   









- शराब तस्करी के आरोप में फंसे हैं उत्पाद एवं मद्य निषेध अधीक्षक
- बिना सूचना अनुपस्थित रहने और एसपी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया फैसला

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : शराब तस्करी के आरोप में फंसे उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अधीक्षक दिलीप पाठक को विभाग ने निलंबित कर दिया है. यह आदेश विभाग के उप सचिव निरंजन कुमार ने शुक्रवार को जारी किया. दिलीप पाठक को इसी दिन पटना उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त हुई थी. वे गिरफ्तारी के आदेश जारी होने के बाद से फरार चल रहे थे, लेकिन उनके अधिवक्ता उमेश कुमार सिंह ने बताया था कि जमानत के बाद उनके कार्यालय में लौटने की उम्मीद है, लेकिन तब तक उनका निलंबन हो गया. निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय तिरहुत प्रमंडल के अंतर्गत मुजफ्फरपुर स्थित मद्य निषेध विभाग के उपायुक्त कार्यालय रहेगा.

विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उत्पाद अधीक्षक लंबे समय से अनुपस्थित है तथा उनके विरुद्ध के बक्सर औद्योगिक थाने में दर्ज शराब तस्करी के मामले में उनकी की संलिप्तता के आरोप को पुलिस अधीक्षक ने अपनी जांच में सही करार दिया है. उनके खिलाफ मामला अभी अन्वेषणाधीन है, जिसके कारण निलंबन की कार्रवाई की गई है. निलंबन के दौरान उन्हें जीवन निर्वाह के लिए भत्ता मिलता रहेगा.

यह था मामला :

इसी वर्ष 21 जून की रात को गुप्त सूचना पर पुलिस ने गंगा पुल के पास दो कारों से शराब की खेप जब्त की. इस कार्रवाई में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. एक अन्य कार में सवार दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया, जिनकी निगरानी में यह शराब की खेप ले जाई जा रही थी. गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ के बाद, गंगा पुल पर स्थित उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के चेकपोस्ट पर तैनात दो होमगार्ड भी पकड़े गए.

पुलिस के अनुसंधान में उत्पाद अधीक्षक की शराब तस्करी में संलिप्तता के पुख्ता सबूत मिले हैं. एक गिरफ्तार आरोपित मुन्ना सिंह ने पुलिस को इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी. पुलिस का दावा है कि उत्पाद अधीक्षक के संरक्षण में चेकपोस्ट पर तैनात होमगार्ड और अन्य सिपाही उत्तर प्रदेश से बिहार में शराब लदी गाड़ियों का प्रवेश करवा रहे थे. हालांकि उत्पाद अधीक्षक की तरफ से उनके अधिवक्ता ने इन सभी आरोपी को भी बुनियाद बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है और इस मामले में न्यायालय पर भरोसा जताया है.










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