सिमरी में जनता दरबार: 57 मामलों में डीएम ने दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश ..

स्थानीय निवासियों की समस्याओं को सुना और त्वरित समाधान के निर्देश दिए. इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना और जनसमस्याओं का जल्द निपटारा सुनिश्चित करना था. दरबार में कुल 57 आवेदन प्रस्तुत किए गए, जिन पर संबंधित अधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई के आदेश दिए गए.
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- सरकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना और जनसंवाद है जनता दरबार का उद्देश्य
- परिवहन अनुदान, अतिक्रमण और भूमि विवाद के मामले आए सामने

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के सिमरी प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित जनता दरबार में बक्सर के जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने स्थानीय निवासियों की समस्याओं को सुना और त्वरित समाधान के निर्देश दिए. इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना और जनसमस्याओं का जल्द निपटारा सुनिश्चित करना था. दरबार में कुल 57 आवेदन प्रस्तुत किए गए, जिन पर संबंधित अधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई के आदेश दिए गए.

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न मुद्दों पर शिकायतें आईं, जिनमें परिवहन अनुदान, अतिक्रमण और भूमि विवाद प्रमुख रहे. आवेदक रामजी गुप्ता ने बताया कि उन्होंने 2022 में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत वाहन खरीदा था, लेकिन अब तक उन्हें अनुदान प्राप्त नहीं हुआ। इस पर डीएम ने जिला परिवहन अधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.

इसी तरह, सुधा देवी ने शिकायत की कि 2022 में खरीदी गई उनकी जमीन के दाखिल-खारिज आवेदन को अंचलाधिकारी ने अस्वीकृत कर दिया था. इस पर डीएम ने अंचलाधिकारी को भूमि सुधार उपसमाहर्ता द्वारा पारित आदेश का पालन करने का निर्देश दिया, जिससे सुधा देवी की समस्या का समाधान हो सके.

जनता दरबार में अतिक्रमण से जुड़े मामले भी सामने आए. परमात्मानंद यादव ने शिकायत की कि रामपुर मठिया की 300 बीघा जमीन पर पुजारी ने फर्जी तरीके से अपने नाम से जमाबंदी करवा ली है. इस पर डीएम ने भूमि सुधार उपसमाहर्ता और अंचलाधिकारी को संयुक्त जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया.

कार्यक्रम के अंत में, जिला पदाधिकारी ने सभी प्रखंड स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनता दरबार में प्राप्त आवेदनों की स्थिति को सार्वजनिक रूप से सूचना पट्ट पर प्रदर्शित किया जाए, ताकि आवेदक 7 दिनों के भीतर अपने मामलों की प्रगति की जानकारी प्राप्त कर सकें.









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