वीडियो : यूपीएससी टॉपर डिप्टी कलेक्टर गरिमा लोहिया के नाम पर साइबर फ्रॉड की कोशिश ..

गरिमा लोहिया स्वयं किसी सोशल साइट पर हैं ही नहीं. साथ ही उनके तरफ से पूर्व में ही इस तरह के फर्जी फेसबुक आइडी चलाने वालों के विरूद्ध साइबर थाने को सूचना दी गई है.   हालांकि पुलिस मामले में कुछ विशेष नहीं कर पाई है. ऐसे में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है.


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- फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर किया जा रहा गलत इस्तेमाल
- किसी भी सोशल साइट पर एक्टिव नहीं है आइएसएस गरिमा लोहिया

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : 2022 की यूपीएससी परीक्षा में देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त कर बक्सर का नाम रोशन करने वाली भागलपुर की डिप्टी कलेक्टर गरिमा लोहिया के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट चलाने का मामला सामने आया है. गरिमा लोहिया के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट चलने वाले व्यक्ति ने एलआइसी के एक अधिकारी से ठगी का प्रयास भी किया है. उन्होंने जब इस बात की शिकायत की तो यह राज खुला कि गरिमा लोहिया स्वयं किसी सोशल साइट पर हैं ही नहीं. साथ ही उनके तरफ से पूर्व में ही इस तरह के फर्जी फेसबुक आइडी चलाने वालों के विरूद्ध साइबर थाने को सूचना दी गई है.   हालांकि पुलिस मामले में कुछ विशेष नहीं कर पाई है. ऐसे में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है.

मामले में भारतीय जीवन बीमा निगम की बक्सर शाखा में पदस्थापित एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें गरिमा लोहिया नामक एक फेसबुक आइडी से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली थी जिसे उन्होंने एक्सेप्ट कर लिया. बाद में उन्हें ऐसा लगा कि यह अकाउंट गरिमा लोहिया संचालित नहीं कर रही हैं. उन्होंने बक्सर टॉप न्यूज से इस बात की शिकायत की जिस पर हमारे द्वारा इस बात की तफ्तीश की गई तो यह राज खुला कि वह अकाउंट गरिमा लोहिया का नहीं था. जबकि बक्सर के कई प्रतिष्ठित व्यक्ति उसे आइडी में फ्रेंड लिस्ट में हैं. बाद में एलआईसी अधिकारी ने फर्जी फेसबुक आइडी को अनफ्रेंड कर दिया.

गरिमा लोहिया के नाम से बने 40 से 45 फर्जी फेसबुक अकाउंट :

मामले में गरिमा लोहिया के भाई वरुण लोहिया ने बताया कि गरिमा लोहिया के नाम से अलग-अलग कल 40 से 45 फेसबुक आईडी बनाए गए थे, जिसको लेकर उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी , लेकिन वहां प्राथमिक की दर्ज नहीं की गई और यह कहा गया कि वह मामले की जांच करेंगे. लेकिन अगर अब भी इस तरह के फेसबुक आईडी संचालित हो रहे हैं तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.


साइबर अपराधियों से निपटने में साइबर पुलिस विफल :

साइबर थाने में जो मामले दर्ज कराए जाते हैं उनको लेकर पुलिस गंभीर नहीं होती अधिकांश मामलों में पीड़ित से अपने स्तर से ही मामले का निपटारा करते हैं. फेसबुक आइडी हैक हो जाने बैंक से पैसे गायब हो जाने जैसे कई ऐसे मामले हैं जिस पर पुलिस कुछ भी नहीं कर पाती. इतना ही नहीं साइबर थाने में पदस्थापित कर्मी साइबर क्राइम की शिकायत लेने में भी कतराते हैं. इस बात की पुष्टि इससे भी हो जाती है कि गरिमा लोहिया के भाई ने जब छह माह पूर्व थाने में आवेदन दिया है तो आज तक उसे पर प्राथमिकी दर्ज कर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

एसपी ने कहा, मामले की कराएंगे जांच :

इस मामले को लेकर इस पर शुभम आर्य भी काफी गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की जानकारी उन्हें अब तक नहीं थी लेकिन, वह साइबर थाने में बात करेंगे और जो आवेदन दिया गया है, उसके आधार पर मामले की जांच करते हुए लोगों को सतर्क करने के उद्देश्य से बक्सर पुलिस के फेसबुक पेज से अपील भी जारी करेंगे.

वीडियो : 










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