स्मार्ट मीटर से बढ़ी समस्याएं : सोशल मीडिया पर जिला प्रशासन के खिलाफ दिखी जनता की नाराज़गी ..

जिला प्रशासन द्वारा स्मार्ट मीटर के लाभ बताने वाले पोस्ट के जवाब में उपभोक्ताओं ने नाराजगी भरे कमेंट्स की झड़ी लगा दी है. प्रशासन ने ‘स्मार्ट मीटर से बदल रही है ज़िंदगी’ जैसे स्लोगन के साथ तीन पोस्ट किए, जिनमें स्मार्ट मीटर की खूबियों का बखान किया गया था.

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- सोशल मीडिया पर जिला प्रशासन के पोस्ट पर भारी प्रतिक्रिया
- उपभोक्ता जता रहे हैं स्मार्ट मीटर से हो रही परेशानियों पर गुस्सा

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं की नाराज़गी सोशल मीडिया पर खुलकर सामने आ रही है. जिला प्रशासन द्वारा स्मार्ट मीटर के लाभ बताने वाले पोस्ट के जवाब में उपभोक्ताओं ने नाराजगी भरे कमेंट्स की झड़ी लगा दी है. प्रशासन ने ‘स्मार्ट मीटर से बदल रही है ज़िंदगी’ जैसे स्लोगन के साथ तीन पोस्ट किए, जिनमें स्मार्ट मीटर की खूबियों का बखान किया गया था.


पहले पोस्ट में स्मार्ट प्री-पेड मीटर से कैसे लोगों का जीवन बदल रहा है, यह दर्शाने की कोशिश की गई. दूसरे पोस्ट में इसकी तकनीकी विशेषताओं पर चर्चा की गई, जबकि तीसरे पोस्ट का स्लोगन था ‘स्मार्ट मीटर, स्मार्ट उपभोक्ता’. लेकिन इन पोस्ट्स पर आए 85 से ज्यादा कमेंट्स में से ज्यादातर लोगों ने नाराज़गी जाहिर की है.

उपभोक्ताओं के गुस्से का इज़हार :

रितेश पांडेय ने लिखा, "स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति और मानसिक परेशानी बढ़ गई है. इसका फायदा कम और नुकसान ज्यादा है." विकास कुमार सिंह ने लिखा, "स्मार्ट मीटर पुराने मीटर से बेहतर नहीं है." एक अन्य उपभोक्ता ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, "जिसको लगता है कि स्मार्ट मीटर बेहतर है, वह मुझसे संपर्क करे. चार महीने से मैं बिजली विभाग के चक्कर काट रहा हूं और हालत खराब हो गई है."



पुराने मीटर की खामियां नहीं बता पा रहे अधिकारी :

जिले के उपभोक्ता लगातार पूछ रहे हैं कि पुराने मीटर में ऐसी कौन सी खामियां थीं, जिनके कारण स्मार्ट मीटर लगाने की ज़रूरत पड़ी. मगर, विभाग के किसी भी अधिकारी के पास इस सवाल का जवाब नहीं है. सदर अस्पताल में काम करने वाले ज्योति ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से उनका बिजली बिल चार गुना बढ़ गया है. वहीं, कुल्हड़िया गांव के संजय गुप्ता, जो चाय की दुकान चलाते हैं, ने बताया कि सिर्फ एक पांच वॉट के एलईडी बल्ब का बिल 40 रुपये प्रतिदिन आ रहा है. बाजार समिति निवासियों उपभोक्ता के के तिवारी म बताते हैं कि हर हफ्ते कम से कम 500 रुपये का रिचार्ज करा कर ही एक दो बल्ब और पंखे चला पा रहे हैं.

विपक्ष भी सरकार पर हमलावर :

स्मार्ट मीटर से उपजी इन परेशानियों को लेकर विपक्ष भी सरकार पर निशाना साध रहा है. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को हथियार बनाकर वर्तमान सरकार को चुनौती देने की रणनीति तैयार की जा रही है.









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