उच्च शिक्षा में सुधार हेतु युवा नेता ने शिक्षा मंत्री को सौंपा पांच सूत्री ज्ञापन ..

ज्ञापन में बिहार के उच्च शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण सुझाव और मांगे प्रस्तुत की गई हैं. श्री ठाकुर ने उच्च शिक्षा में छात्रों को हो रही समस्याओं और उनके समाधान के लिए शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया.

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- पूर्व छात्र नेता रहे हैं संदीप ठाकुर, वर्तमान में जदयू युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव
- बिहार के उच्च शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में मांगें

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार को सोमवार को युवा जदयू के प्रदेश महासचिव और पूर्व छात्र नेता संदीप ठाकुर ने उच्च शिक्षा में सुधार से संबंधित पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में बिहार के उच्च शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण सुझाव और मांगे प्रस्तुत की गई हैं. श्री ठाकुर ने उच्च शिक्षा में छात्रों को हो रही समस्याओं और उनके समाधान के लिए शिक्षा मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया.

ज्ञापन के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

1. मुख्यमंत्री शोध वृद्धि योजना में सुधार:
हाल ही में मुख्यमंत्री शोध वृद्धि योजना के तहत केवल NET पास छात्रों को ₹15,000 की छात्रवृत्ति देने की घोषणा की गई है. श्री ठाकुर ने इस योजना में सुधार की मांग की, ताकि विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित Pre-Ph.D परीक्षा के तहत नामांकित शोधार्थियों को भी इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े तबके के छात्रों को इस योजना से बाहर रखना अनुचित है. उनके अनुसार, इस संशोधन से गरीब और पिछड़े वर्ग के छात्र भी गुणवत्तापूर्ण शोध करने में सक्षम होंगे.

2. विज्ञान संकाय में सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग:
श्री ठाकुर ने ज्ञापन में कहा कि बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में विज्ञान संकाय के पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या बहुत कम है, जिससे मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने मांग की कि विज्ञान संकाय में सीटों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि राज्य के छात्र बाहर जाने की बजाय बिहार में ही अपनी शिक्षा पूरी कर सकें.

3. व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सरकारी समर्थन:
वर्तमान में बिहार के विश्वविद्यालयों में संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रम "सेल्फ फाइनेंस" के अंतर्गत आते हैं, जिनकी फीस बहुत अधिक होती है. आर्थिक रूप से कमजोर छात्र इस पाठ्यक्रम में नामांकन कराने में सक्षम नहीं हो पाते. श्री ठाकुर ने मांग की कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को सरकारी सहायता से संचालित किया जाए, ताकि गरीब और मेधावी छात्र भी इन पाठ्यक्रमों का लाभ उठा सकें और अपने भविष्य को सशक्त बना सकें. इससे छात्रों का ध्यान स्वरोजगार और रोजगार की दिशा में आकर्षित होगा.

4. B.Ed पाठ्यक्रम की फीस में समानता:
बिहार के प्राइवेट कॉलेजों में संचालित B.Ed पाठ्यक्रम की फीस अत्यधिक है, जिससे यह पाठ्यक्रम शिक्षा माफियाओं के लिए एक व्यवसाय बनता जा रहा है. श्री ठाकुर ने सरकार से आग्रह किया कि प्राइवेट कॉलेजों के B.Ed पाठ्यक्रम की फीस को एक समान मानक पर तय किया जाए. साथ ही, सरकारी कॉलेजों में भी इस पाठ्यक्रम को सरकारी तर्ज पर संचालित करने की आवश्यकता है, ताकि अधिक छात्रों को इसका लाभ मिल सके.

5. बक्सर में महिला महाविद्यालय की स्थापना:
श्री ठाकुर ने बक्सर जिले में अब तक किसी महिला महाविद्यालय की स्थापना न होने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि महिलाओं के उच्च शिक्षण और सामाजिक उत्थान के लिए बक्सर में महिला महाविद्यालय की स्थापना जरूरी है. इससे वहां की महिलाओं को बेहतर शैक्षिक अवसर प्राप्त होंगे और उनका सर्वांगीण विकास हो सकेगा.


ज्ञापन में संदीप ठाकुर ने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देकर बिहार के छात्रों के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाएं.









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