आने वाले दिनों में बीपीएससी कार्यालय और अन्य प्रमुख स्थानों पर धरना-प्रदर्शन की योजना बनाई गई है. इस दौरान आंदोलनकारियों ने सरकार पर छात्रों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और इसे छात्र विरोधी नीति करार दिया.
- राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस के मौके पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
- संघर्ष को आगे जारी रखने का लिया निर्णय
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा अपनाई जा रही नॉर्मलाइजेशन पद्धति के विरोध में सोमवार को बक्सर के ज्योति प्रकाश चौक पर प्रतिवाद दिवस का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का नेतृत्व आइसा और आरवाइए ने किया.
नॉर्मलाइजेशन पद्धति के कारण विभिन्न पालियों में परीक्षा देने वाले छात्रों के अंकों को समायोजित किया जाता है, जिसे आंदोलनकारी छात्रों ने अनुचित ठहराया. उनका कहना है कि सामान्य ज्ञान आधारित परीक्षाओं में इस पद्धति का कोई औचित्य नहीं है. विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने मांग की कि बीपीएससी की परीक्षाएं एक पाली और एक पेपर के आधार पर होनी चाहिए, जिससे सभी छात्रों के साथ समान व्यवहार हो.
छात्र संगठनों ने घोषणा करते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो राज्यव्यापी प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा. आने वाले दिनों में बीपीएससी कार्यालय और अन्य प्रमुख स्थानों पर धरना-प्रदर्शन की योजना बनाई गई है. इस दौरान आंदोलनकारियों ने सरकार पर छात्रों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और इसे छात्र विरोधी नीति करार दिया.
छात्र संगठनों का संकल्प :
आइसा और आरवाइए के साथ भाकपा (माले) और इनौस के सदस्यों ने मिलकर यह संकल्प लिया कि वे छात्रों की आवाज को हर स्तर पर उठाएंगे और इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे.
मौके पर आइसा के जिलाध्यक्ष अनूप शर्मा, बक्सर नगर अध्यक्ष अंकित सिद्धार्थ, मिथुन तथा इंनौस के संयोजक राजदेव सिंह, के के दीपू, भाकपा माले के नगर सचिव ओम प्रकाश व अन्य मौजूद रहे.
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