महिला चिकित्सक की लापरवाही के खिलाफ कांग्रेस का धरना शुरु

पूछा गया कि स्थानीय विधायक उन्हीं की पार्टी के हैं फिर भी व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए वह पहल क्यों नहीं कर रहे? उनके प्रतिनिधि प्रतिदिन अस्पताल में आते हैं फिर भी ऐसी स्थिति क्यों है? उन्होंने कहा कि विधायक प्रतिनिधि के माध्यम से फुटेज आदि तलाश की जा रही है और उसके आधार पर दोषियों की पहचान की जाएगी.









                                           


- नवजात की मौत के मामले में डॉक्टर और कर्मियों पर कार्रवाई की मांग
- सदर अस्पताल की बदहाल व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर अस्पताल में महिला चिकित्सक की लापरवाही के विरुद्ध कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. युवा कांग्रेस के नेतृत्व में बुधवार को सदर अस्पताल के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरु किया गया. पहले दिन महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पण करने के बाद उनके भजन बजाते हुए धरना की शुरुआत की गई. धरना स्थल पर मौजूद यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज उपाध्याय ने बताया कि 12 दिसंबर की रात्रि में अस्पताल में पदस्थापित महिला चिकित्सक डॉक्टर सेतु सिंह के अस्पताल में मौजूद न रहने की वजह से एक नवजात बच्चे की मृत्यु हो गई. इस बात को लेकर डॉक्टर सेतु सिंह तथा अस्पताल में उनके सहयोगी कर्मी रागिनी कुमारी और चांदनी कुमारी की लापरवाही को लेकर अस्पताल अधीक्षक को पत्र देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में आज उन्होंने कांग्रेस नेताओं के साथ धरना शुरू कर दिया है जो कार्रवाई होने तक अनवरत जारी रहेगा.


पंकज उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने पांच सूत्री मांगों को रखा है :

1. डॉक्टर सेतु सिंह पर अविलंब मेडिकल नेगलिजेंसी का मुकदमा दर्ज करते हुए उनके सहयोगी कर्मी रागिनी कुमारी और चांदनी कुमारी को निलंबित किया जाए.

2. प्रसव से संबंधित मरीजों के लिए जांच, अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था 24 घंटे सुनिश्चित की जाए.

3. एनेस्थीसिया के चिकित्सक की 24 घंटे उपस्थिति सुनिश्चित की जाए.

4. प्रसव केंद्र में समय सारणी के अनुसार प्रतिनियुक्त चिकित्सकों का मोबाइल नंबर सहित सूची चिपकाई जाए.

5. एसएनसीयू में नवजात बच्चों के लिए कम से कम तीन वेंटिलेटर की व्यवस्था की जाए.

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि बिहार सरकार स्वास्थ्य के प्रति बहुत जागरूक है. बहुत पैसे भी खर्च करती है. लेकिन अस्पताल की व्यवस्था नहीं सुधरती. पूर्व सांसद अश्विनी कुमार चौबे 10 साल केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे लेकिन उन्होंने भी अस्पताल की दुर्दशा सुधारने के लिए कुछ भी नहीं किया. सदर अस्पताल में जो भी लोग अपना इलाज करने के लिए पहुंच रहे हैं, वह दलालों के चंगुल में फंस जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी जनहित के लिए जान न्योछावर कर देती है. जब तक व्यवस्थाएं नहीं सुधरेंगी, विरोध जारी रहेगा.

फुटेज तलाश कर रहे हैं विधायक प्रतिनिधि :

डॉ. मनोज पांडेय से जब यह पूछा गया कि स्थानीय विधायक उन्हीं की पार्टी के हैं फिर भी व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए वह पहल क्यों नहीं कर रहे? उनके प्रतिनिधि प्रतिदिन अस्पताल में आते हैं फिर भी ऐसी स्थिति क्यों है? उन्होंने कहा कि विधायक प्रतिनिधि के माध्यम से फुटेज आदि तलाश की जा रही है और उसके आधार पर दोषियों की पहचान की जाएगी.

मौके पर उपस्थित अन्य व्यक्तियों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरिशंकर त्रिवेदी, डॉ. सत्येंद्र ओझा, रवि रंजन ओझा, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मण उपाध्याय, प्रखंड अध्यक्ष कमल पाठक, वीरेंद्र राम, महिमा शंकर उपाध्याय, श्रीमती निर्मला देवी, वार्ड पार्षद कमलेश पाल, त्रियोगी नारायण मिश्र, लालू यादव, प्रकाश यादव, कृष्णा यादव, धीरज मिश्र, संजय पासवान, मोनू यादव, मो. अली, तबरेज अंसारी, झबलू राम, प्रिंस सिंह, मुकेश यादव, बालकृष्ण ओझा, कुंदन कुमार, मनीष सिंह, मोहित तिवारी, रजत कुमार, चंचल उपाध्याय, विवेक चौबे एवं अन्य शामिल थे.









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