कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं, और यदि उनके भविष्य का निर्माण मजबूत बुनियादों पर किया जाए तो भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों के उत्थान से न केवल देश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षित होगी, बल्कि भारत पुनः 'सोने की चिड़िया' कहलाने लगेगा.
- महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन के उद्देश्यों से बच्चों को कराया गया अवगत
- सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान को विकसित करने का प्रयास
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले के केसठ के नए संचालित शिक्षा केंद्र में महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन के उद्देश्यों और मूल्यों को बच्चों तक पहुंचाया गया. शिक्षा केंद्र के संचालक विजय शंकर सिंह ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान को विकसित करना है.
उन्होंने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं, और यदि उनके भविष्य का निर्माण मजबूत बुनियादों पर किया जाए तो भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों के उत्थान से न केवल देश की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षित होगी, बल्कि भारत पुनः 'सोने की चिड़िया' कहलाने लगेगा.
स्थानीय ज्ञान और अवलोकन पर दिया गया जोर :
कार्यक्रम के दौरान बच्चों के स्थानीय ज्ञान और उनकी सीखने की क्षमता का अवलोकन भी किया गया. संचालक विजय शंकर सिंह ने बताया कि जो कुछ बच्चों को पूर्व में सिखाया गया है, वह उनकी बौद्धिक और सांस्कृतिक समझ को और मजबूत बना रहा है.
फाउंडेशन का उद्देश्य न केवल शैक्षिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से बच्चों को सशक्त बनाना है. यह पहल न केवल बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने में सहायक है, बल्कि समाज को एक नई दिशा देने की ओर भी अग्रसर है.
इस अवसर पर बच्चों ने उत्साहपूर्वक अपनी समझ और ज्ञान का प्रदर्शन किया, जिसे देखकर आयोजकों ने उनके प्रयासों की सराहना की.कार्यक्रम में बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों ने भी भाग लिया और फाउंडेशन की इस पहल की प्रशंसा की
महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन का यह प्रयास शिक्षा और संस्कृति के संगम को स्थापित करने का उदाहरण है. विजय शंकर सिंह ने बच्चों को सही दिशा में प्रेरित करने और उनके सर्वांगीण विकास के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला.
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