सदर अस्पताल की बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर सिविल सर्जन ने राज्य स्वास्थ्य समिति को लिखा पत्र

पत्र में सफाई की खस्ताहाल व्यवस्था का उल्लेख करते हुए इसे सुधारने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि यदि सफाई व्यवस्था को तुरंत ठीक नहीं किया गया तो इससे अस्पताल में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है.
सदर अस्पताल के डस्टबिन की हालत











                                           

- जीविका के द्वारा की जा रही सफाई पर जताया असंतोष
- तत्काल सुधार किए जाने की रखी मांग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सदर अस्पताल की सफाई व्यवस्था को लेकर लोगों की लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर जिला स्वास्थ्य समिति अब एक्शन मोड में है. सफाई व्यवस्था की बदहाली पर सिविल सर्जन ने राज्य स्वास्थ्य समिति को पत्र लिखकर तत्काल सुधार के लिए हस्तक्षेप की मांग की है. हाल ही में सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा की गई समीक्षा में सफाई व्यवस्था को अत्यंत खस्ताहाल पाया गया. अधिकारियों का कहना है कि सफाई पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद स्थिति निराशाजनक बनी हुई है.

करीब 57 हजार स्क्वायर फीट में फैले अस्पताल परिसर की सफाई के लिए पहले चार लाख रुपये प्रतिमाह का बजट था, जिसे बढ़ाकर दस लाख रुपये कर दिया गया है. इसके बावजूद गंदगी, दुर्गंध और अव्यवस्था हर कोने में दिखाई देती है. हाल ही में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने अस्पताल का दौरा कर सफाई व्यवस्था पर असंतोष जताया था.

जीविका की कार्यशैली पर उठे सवाल : 

सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी जीविका समूह को दी गई है, लेकिन सफाई के साथ-साथ चादर और पर्दों की धुलाई का कार्य भी असंतोषजनक है. फर्श पर पसरी गंदगी और बेड पर चादर न होने की जिम्मेदारी जीविका की मानी जा रही है. अस्पताल में कचरा संग्रहण के लिए जो स्थान बना है वहां मवेशी विचरण करते रहते हैं जिससे कि गंदगी और भी फैलती रहती है. असर की बात है कि मेडिकल वेस्ट भी सामान्य कचरे के साथ ही मिला कर खुले में ही रखा जाता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएन चौबे ने कहा कि साफ-सफाई रोगियों के स्वस्थ होने में अहम भूमिका निभाती है, लेकिन यहां इसकी कमी रोगियों को और बीमार कर सकती है.
इस तरह से रखा जाता है कचरा

लोगों की अपेक्षा और जिम्मेदारों की जवाबदेही :

पूर्व जिला परिषद सदस्य डॉ मनोज यादव ने कहा कि रोगी कल्याण समिति के सदस्य रहते हुए उन्होंने सदर अस्पताल को नजदीक से देखा है पहले की अपेक्षा सफाई व्यवस्था में काफी गिरावट आई है ऐसे में व्यवस्थाओं में सुधार होना ही चाहिए अथवा रोगी ठीक होने के स्थान पर बीमार हो जाएंगे. अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीज और उनके परिजन बेहतर सफाई और सुविधाओं की उम्मीद कर रहे हैं. प्रशासन ने भी इस ओर ध्यान देने का आश्वासन दिया है. जिलाधिकारी और सिविल सर्जन के हस्तक्षेप से उम्मीद है कि सफाई व्यवस्था में जल्द सुधार होगा.

स्वास्थ्य समिति से हस्तक्षेप की मांग :

सिविल सर्जन शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती द्वारा राज्य स्वास्थ्य समिति को लिखे पत्र में सफाई की खस्ताहाल व्यवस्था का उल्लेख करते हुए इसे सुधारने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि यदि सफाई व्यवस्था को तुरंत ठीक नहीं किया गया तो इससे अस्पताल में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. समिति से सुझाव और कार्रवाई की अपेक्षा की गई है.









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