बताया कि इसके पूर्व इसी माह में आयोजित वैक्सीनेशन कैम्प में जहां 40 महिलाओं को वैक्सीनेट किया गया था. वहीं शनिवार को आयोजित कैम्प में 25 महिलाओं को वैक्सीनेट किया गया.
- एक माह के अंदर 75 महिलाओं को लगाएं गए टीजे
- डीडीयू से दानापुर तक केवल बक्सर रेलवे अस्पताल में है सुविधा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : ईस्ट सेंट्रल रेलवे के बक्सर रेलवे अस्पताल में शनिवार को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें रेलवे कर्मचारियों तथा उनके घर की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए गोडासील वैक्सीन दी गई. कुल 25 महिलाओं को वैक्सीनेट किया गया.
इस संदर्भ में जानकारी देते ईस्ट सेंट्रल रेलवे के बक्सर हेल्थ यूनिट में पदस्थापित चिकित्सक डॉ हरिओम पाठक ने बताया कि इसके पूर्व इसी माह में आयोजित वैक्सीनेशन कैम्प में जहां 40 महिलाओं को वैक्सीनेट किया गया था. वहीं शनिवार को आयोजित कैम्प में 25 महिलाओं को वैक्सीनेट किया गया.
उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर के बाद सर्वाइकल कैंसर से बड़ा खतरा बना हुआ है. ईस्ट सेंट्रल रेलवे अपने कर्मियों एवं उनके परिजनों को वैक्सीनेशन के माध्यम से सुरक्षित कर रहा है. वैक्सीनेशन से इम्युनिटी बढ़ती है तथा सर्वाइकल कैंसर का खतरा 90% तक खत्म हो जाता है.
चिकित्सक ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए गोडासील वैक्सीन की तीन खुराक लेनी आवश्यक होती है. नियमित अंतराल पर तीन डोज दिए जाते हैं, जिसमें पहले डोज के बाद दूसरा डोज दो महीने के बाद और फिर तीसरा डोज चार महीने के बाद दिया जाता है. 14 से 45 वर्ष की उम्र की महिलाओं को वैक्सीन की तीन डोज दिए जाते हैं जबकि 9 से 14 वर्ष की बच्चियों को केवल दो डोज दिए जाते हैं.
डीडीयू से दानापुर तक केवल बक्सर में हो रहा टीकाकरण :
चिकित्सक ने बताया कि बाज़ार में इस वैक्सीन की कीमत लगभग 9 हज़ार रुपये है जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है. हालांकि रेलवे कर्मियों को यही वैक्सीन दी जा रही है. डीडीयू से लेकर दानापुर तक केवल बक्सर रेलवे स्टेशन पर ही वैक्सीनेशन किया जा रहा है ऐसे में लगातार रेल कर्मियों को यह जागरूक किया जा रहा है कि वह सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए भारत सरकार और रेलवे के प्रयास से कराई जा रहे हैं वैक्सीनेशन शिविर का लाभ उठाएं.
रेलवे अस्पताल की स्थिति में सुधार की आवश्यकता :
चिकित्सक ने बताया कि बक्सर रेलवे अस्पताल में व्यवस्थाओं को और भी दुरुस्त किए जाने की आवश्यकता है. हालांकि रेलवे इसके लिए काफी प्रयास भी कर रहा है. उन्होंने कहा कि अगर यहां प्रशिक्षित कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए तो निश्चय ही इससे रेलकर्मियों को लाभ मिलेगा.
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