चिकित्सकों ने किया ओपीडी सेवा का बहिष्कार, मरीजों को हुई परेशानी

संघ का कहना है कि सरकार द्वारा आपातकालीन और 24x7 कार्यरत विभागों के लिए अभी तक बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य करने का कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है. इसके बावजूद जिलाधिकारियों द्वारा इसे लागू कर डॉक्टरों पर दबाव बनाया जा रहा है.












                                           


डॉक्टरों का वेतन रोकने के खिलाफ विरोध
आपातकालीन सेवाएं रहेंगी जारी, मरीजों को हो रही परेशानी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : चिकित्सकों की विभिन्न मांगों को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (आईएमए पटना) के निर्देशानुसार राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में 27 से 29 मार्च तक ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया जा रहा है. यह निर्णय जिलाधिकारियों द्वारा बायोमेट्रिक उपस्थिति के आधार पर डॉक्टरों के वेतन रोकने और अन्य प्रशासनिक दबावों के विरोध में लिया गया है. हालांकि, मरीजों की सुविधा के लिए आपातकालीन सेवाओं को जारी रखा गया है, लेकिन दूर-दराज से आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वेतन रोकने पर डॉक्टरों का आक्रोश

बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के सचिव डॉ. संजय कुमार ने बताया कि कई जिलों, विशेष रूप से शिवहर, गोपालगंज और मधुबनी में जिलाधिकारियों द्वारा डॉक्टरों के वेतन महीनों से रोके जा रहे हैं. इसके अलावा, बक्सर सहित राज्यभर के डॉक्टरों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे उनमें गहरी नाराजगी है. इसी कारण संघ ने राज्यव्यापी विरोध के तहत ओपीडी सेवाओं को तीन दिनों के लिए बंद रखने का फैसला किया है.

डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में सुरक्षा, आवास, गृह जिला में पोस्टिंग, कार्य अवधि का निर्धारण और पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता शामिल हैं. संघ का कहना है कि सरकार द्वारा आपातकालीन और 24x7 कार्यरत विभागों के लिए अभी तक बायोमेट्रिक उपस्थिति को अनिवार्य करने का कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है. इसके बावजूद जिलाधिकारियों द्वारा इसे लागू कर डॉक्टरों पर दबाव बनाया जा रहा है.

शिवहर जिले में डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप

डॉ. संजय कुमार ने बताया कि शिवहर जिले में डॉक्टरों के साथ अमर्यादित व्यवहार किया गया. आरोप है कि जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान डॉक्टरों से अशिष्ट भाषा में बात की और उन्हें अपमानित किया. इससे नाराज वहां के डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन ओपीडी बहिष्कार का फैसला लिया है.

मरीजों को हो रही परेशानी

ओपीडी सेवा बाधित होने के कारण मरीजों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. हालांकि, आपातकालीन सेवाओं को जारी रखा गया है, लेकिन नियमित जांच, परामर्श और सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है.

सरकार से समाधान की अपील

डॉक्टरों ने सरकार से मांग की है कि उनकी समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाया जाए ताकि वे बिना किसी बाधा के अपनी सेवाएं दे सकें. बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो भविष्य में विरोध प्रदर्शन को और तेज किया जा सकता है.












Post a Comment

0 Comments