कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप इस प्रकार की कार्यशालाएं शिक्षकों को निरंतर अद्यतन करती हैं और विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में सहायक होती हैं. उन्होंने आगे कहा कि विद्यालय भविष्य में भी इस तरह की रचनात्मक और नवाचार आधारित कार्यशालाओं का आयोजन करता रहेगा.
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत खेल आधारित शिक्षण पर मिला मार्गदर्शन
- शिक्षकों ने सीखे रचनात्मक और प्रभावी शिक्षण के नये तरीके
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के डुमरांव स्थित फाउंडेशन स्कूल में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य प्राथमिक स्तर पर शिक्षण को और अधिक प्रभावशाली व रुचिकर बनाना था. यह कार्यशाला मधुबन पब्लिकेशन के सौजन्य से आयोजित की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बच्चों के समग्र विकास और खेल आधारित शिक्षा पर विस्तार से चर्चा की गई.
कार्यशाला में बतौर प्रशिक्षक प्रतिष्ठित शिक्षा विशेषज्ञ वर्षा शर्मा एवं दीपेंद्र द्विवेदी उपस्थित रहे. उन्होंने केजी स्तर के बच्चों के साथ शिक्षण के रोचक और रचनात्मक तरीकों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि किस प्रकार खेलों और गतिविधियों के माध्यम से बच्चों की रुचि को बनाए रखते हुए उन्हें प्रभावी रूप से शिक्षा दी जा सकती है. प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को ऐसी कई तकनीकों से अवगत कराया गया, जो विद्यार्थियों के बौद्धिक, मानसिक, शारीरिक और रचनात्मक विकास में सहायक होंगी.
कार्यशाला में विद्यालय की प्राथमिक शाखा से शिक्षिकाएं रेखा मेहता, दया सिंह, एकता सिंह, तनु सिंह, रोशनी कुमारी, सिंधु साहनी, पूजा गोस्वामी, लक्ष्मी, नेहा यादव, इफरा खान, शालू चौबे, मुस्कान कुमारी, शिवानी दुबे तथा शिक्षक राहुल वर्मा, सुमित ठाकुर, अदिति सिंह और नीतीश कुमार ने भाग लिया. सभी प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें बच्चों के साथ जुड़ने और उनकी आवश्यकताओं को समझते हुए पढ़ाने में सहायता मिलेगी.
प्रशिक्षण सत्र में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने की रणनीतियों को साझा किया गया. जैसे—रंगों के माध्यम से भाषा शिक्षा, गणितीय खेलों द्वारा संख्याओं की समझ विकसित करना, संवादात्मक कहानी वाचन, समूह आधारित रचनात्मक कार्य, और शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से अनुशासन व सहयोग की भावना को बढ़ावा देना.
विद्यालय प्रशासन से रागिनी चौबे और दीक्षा चौबे ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप इस प्रकार की कार्यशालाएं शिक्षकों को निरंतर अद्यतन करती हैं और विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में सहायक होती हैं. उन्होंने आगे कहा कि विद्यालय भविष्य में भी इस तरह की रचनात्मक और नवाचार आधारित कार्यशालाओं का आयोजन करता रहेगा.
इस अवसर पर विद्यालय परिसर में एक सकारात्मक और उत्साहपूर्ण वातावरण देखने को मिला, जहाँ सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं नई ऊर्जा के साथ अपने दायित्वों के लिए प्रेरित हुए. कार्यशाला का समापन धन्यवाद ज्ञापन और प्रमाणपत्र वितरण के साथ किया गया.
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