बक्सर तिहरे हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई : अहियापुर में चला बुलडोजर, देर से पहुंचने पर अधिकारियों की कार्यशैली पर उठे सवाल ..

कहना है कि प्रशासन की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यदि इसे समय पर और योजनाबद्ध ढंग से शुरू किया जाता, तो इसका असर और अधिक व्यापक होता. वहीं प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि आगे भी इस तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.


 










                                           





- बक्सर के अहियापुर में तिहरे हत्याकांड के आरोपियों के खिलाफ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई
- 6 बुलडोजर, 8 ट्रैक्टर और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चला प्रशासन का डंडा
- देर शाम शुरू हुई कार्रवाई पर उठे सवाल, अधिकारियों की भूमिका बनी चर्चा का विषय

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : अहियापुर गांव में हुए तिहरे हत्याकांड के बाद प्रशासन ने आरोपियों की संपत्ति पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. न्यायालय से कुर्की वारंट प्राप्त होने के बाद जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के निर्देश पर राजपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी सिद्धार्थ कुमार और अंचलाधिकारी शोभा कुमारी की निगरानी में कार्रवाई की शुरुआत हुई. अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार के निर्देशन में अहियापुर में प्रशासनिक अमला पूरे दमखम के साथ पहुंचा, जहां पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच कुर्की-जब्ती की कार्रवाई शुरू की गई.

मौके पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरज कुमार, स्थानीय थाना अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. सूत्रों के अनुसार, प्रशासन की ओर से 6 बुलडोजर और 8 ट्रैक्टर की व्यवस्था की गई थी, ताकि कुर्की की कार्रवाई को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सके.

कार्रवाई के दौरान सबसे पहले आरोपियों के घर में मौजूद पालतू मवेशियों को जब्त कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया. इसके बाद बुलडोजर की मदद से घरों के दरवाजे और खिड़कियां उखाड़ी जाने लगीं. चारों ओर अफरातफरी का माहौल था और गांव में दहशत का माहौल बन गया.

हालांकि, इस हाईप्रोफाइल कार्रवाई में प्रशासनिक देरी भी चर्चा का विषय बन गई. बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने दिन में ही कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया था, लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी के देर से पहुंचने के कारण कार्रवाई शाम 6:30 बजे शुरू हो सकी. इस देरी को लेकर लोगों के बीच सवाल उठने लगे हैं. मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात इन अधिकारियों ने अपनी देर से उपस्थिति को लेकर अलग-अलग कारण बताए, जिससे उनकी कार्यशैली संदेह के घेरे में आ गई है. एसपी शुभम आर्य भी मौके पर पहुंचे हैं. 

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यदि इसे समय पर और योजनाबद्ध ढंग से शुरू किया जाता, तो इसका असर और अधिक व्यापक होता. वहीं प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि आगे भी इस तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.

इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ गांव में खौफ का माहौल पैदा किया है, बल्कि प्रशासन की तत्परता और उसके अमले की कार्यप्रणाली को भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. तिहरे हत्याकांड के बाद से गांव में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और पुलिस हर गतिविधि पर कड़ी नजर बनाए हुए है.









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