सरकारी जमीन पर कब्जा, रामपुर गांव में रास्ता बंद होने से परेशान ग्रामीण

बारिश के मौसम में गांव के लोगों को घर से निकलना भी मुसीबत बन जाता है. प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह समस्या एक दशक से ज्यादा समय से जस की तस बनी हुई है.
अतिक्रमण कर रोका गया रास्ता










                                           





  • 2013 से लगाई जा रही गुहार, अब तक नहीं मिला इंसाफ
  • डीएम बोले- कोर्ट के निर्देश के अनुरूप होगी अगली कार्रवाई 

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के केसठ प्रखंड के रामपुर गांव में अतिक्रमण की वजह से ग्रामीणों का जीवन मुश्किल हो गया है. गांव के मुख्य रास्ते की तीन डिसमिल जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर दीवार खड़ी कर दी है. गर्मी और जर के मौसम में लोग खेतों के रास्ते आवागमन कर लेते हैं लेकिन बारिश के मौसम में गांव के लोगों को घर से निकलना भी मुसीबत बन जाता है. प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह समस्या एक दशक से ज्यादा समय से जस की तस बनी हुई है.

ग्रामीण शंभूनाथ तिवारी ने बताया कि उन्होंने 2013 में अंचल अधिकारी को आवेदन देकर रास्ते से अतिक्रमण हटवाने की मांग की थी. जांच के बाद अंचलाधिकारी ने सुरेंद्र पांडेय, नरेंद्र पांडेय, ललित पांडेय और फुटून पांडेय को 29 दिन में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. साथ ही चेतावनी दी गई थी कि आदेश का पालन नहीं होने पर एक साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा. 

पटना उच्च न्यायालय ने भी नहीं स्वीकार किया गलत दावा : 

बाद में अतिक्रमणकारियों ने जिलाधिकारी के समक्ष अपील की लेकिन 2020 में डीएम ने इसे खारिज कर दिया. फिर भी जमीन खाली नहीं की गई. इतना ही नहीं डीएम के आदेश के विरुद्ध अतिक्रमणकारी विभिन्न न्यायालयों और बाद में पटना हाईकोर्ट तक गए. लेकिन ना तो जिला न्यायालय ने उनका पक्ष सही माना और ना ही पटना उच्च न्यायालय ने. 8 अप्रैल 2025 को हाईकोर्ट ने मामला स्वीकार ही नहीं किया.

बिना किसी वैध कागजात के लोगों को परेशानी में डाल रहे अतिक्रमणकारी 

ग्रामीणों के मुताबिक अतिक्रमणकारियों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि वह भूमि निजी है. इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया. अधिवक्ता विपिन बिहारी ठाकुर ने भी कहा कि जब जमीन सरकारी रिकॉर्ड में सार्वजनिक रास्ता दिख रही है, तब जिला प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि उसे अतिक्रमण मुक्त करे.

कहते हैं जिलाधिकारी 

इस संबंध में जिलाधिकारी विद्यानंद सिंह ने कहा कि न्यायालय का आदेश सर्वोपरि होता है और उसका पालन किया जाएगा. उसी के अनुरूप आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. अब ग्रामीणों को उम्मीद है कि वर्षों पुरानी इस समस्या का कोई स्थायी समाधान जल्द निकलेगा.










Post a Comment

0 Comments