बक्सर : चौसा में जल संकट से हाहाकार, मनोज यादव ने दी आंदोलन की चेतावनी

बताया कि पाइपलाइन की मरम्मत और नई व्यवस्था की मांग को लेकर कई बार जिला पदाधिकारी और पीएचइडी के अधिकारियों से संपर्क किया गया, बीस सूत्री कार्यक्रम की बैठकों में भी इस समस्या को गंभीरता से उठाया गया, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ.









                                           



- जलमीनारें बंद, टूटी पाइपें और नालियों से मिल रहा गंदा पानी, गर्मी में व्याकुल है जनता
- न्यायीपुर अनुसूचित बस्ती और चौसा बाजार के कई इलाकों में नहीं पहुंच रहा पानी, पीएचइडी पर गंभीर आरोप

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के चौसा नगर पंचायत क्षेत्र में इन दिनों जलसंकट चरम पर है और अब इस मुद्दे पर राजनीति भी गरमा गई है. नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि और पूर्व जिला परिषद सदस्य डॉ. मनोज यादव ने जलापूर्ति की अनियमितताओं को लेकर प्रशासन और पीएचइडी विभाग पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि चौसा के विभिन्न इलाकों में स्थापित चार जलमीनारों के बावजूद पानी नहीं पहुंच रहा है, कई वार्डों में पानी की पाइपें टूटी हुई हैं, और कुछ जगहों पर तो पाइपलाइन नालियों से होकर गुजर रही है जिससे लोगों के घरों में गंदा पानी पहुंच रहा है. बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होने से अब जनता का विश्वास प्रशासन से उठ गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे जनता के साथ सड़कों पर उतरकर धरना, प्रदर्शन और अनशन करेंगे.

डॉ. मनोज यादव ने बताया कि चौसा में जल आपूर्ति की जिम्मेदारी पीएचइडी की है, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है. उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में जहां लोगों को स्वच्छ जल की सबसे अधिक आवश्यकता है, वहां न्यायीपुर अनुसूचित बस्ती, वार्ड संख्या 7, बहादुरपुर और चौसा बाजार के कई इलाकों में लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है. यहां तक कि कई मोहल्लों में अब तक जल कनेक्शन ही नहीं दिए गए हैं.

मनोज यादव का कहना है कि नगर पंचायत की ओर से दस स्थानों पर वाटर कूलर लगवाए गए हैं, जिससे कुछ हद तक राहत मिली है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. हजारों लोगों की आबादी सिर्फ कुछ वाटर कूलरों के भरोसे नहीं रह सकती. उन्होंने बताया कि पाइपलाइन की मरम्मत और नई व्यवस्था की मांग को लेकर कई बार जिला पदाधिकारी और पीएचइडी के अधिकारियों से संपर्क किया गया, बीस सूत्री कार्यक्रम की बैठकों में भी इस समस्या को गंभीरता से उठाया गया, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ.

स्थानीय लोगों की शिकायत है कि पानी की लाइनें कई जगहों पर टूटी हुई हैं और जहां से पानी आ रहा है, वहां गुणवत्ता बेहद खराब है. नालियों से होकर गुजर रही पाइपों से गंदा पानी मिल रहा है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. इलाके में छोटे-छोटे बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है.

डॉ. यादव ने कहा कि यह केवल पानी की समस्या नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता का मामला है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन और विभाग समय रहते समस्या का समाधान नहीं करते हैं, तो वे जनता के साथ आंदोलन शुरू करेंगे और तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक चौसा को स्वच्छ जल नहीं मिल जाता.









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