आई मास कंप्यूटर संस्थान की छात्राओं ने हासिल की बड़ी कामयाबी, बिहार पुलिस भर्ती में बक्सर की बेटियों ने लहराया परचम

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 35% महिला आरक्षण नीति को इस क्रांति का आधार बताया और कहा कि यह बदलाव सरकार की दूरदर्शिता का परिणाम है. आज बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या देश में सबसे अधिक है जो राज्य की महिला सशक्तिकरण नीति की सफलता को दर्शाता है.









                                           




- धनसोई की बेटियों ने रचा इतिहास: एक बनी शिक्षिका, दूसरी बनी सिपाही, संस्थान में हुआ सम्मान

- संस्थान के निदेशक डब्लू पाठक ने बेटियों को किया सम्मानित, कहा- यह केवल नौकरी नहीं, आत्मसम्मान की पहचान है

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : आई मास कंप्यूटर संस्थान, धनसोई में शनिवार को एक खास समारोह में संस्थान के निदेशक डब्लू पाठक ने बिहार पुलिस में चयनित अपनी छात्राओं को अंगवस्त्र और पौधा भेंटकर सम्मानित किया. कार्यक्रम की खास बात यह रही कि एक ही परिवार की दो बेटियों—एक शिक्षिका और दूसरी पुलिस सिपाही बनकर न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए मिसाल बन गईं.

चिरैयाटांड़ गांव के किसान सुरेंद्र यादव की दो बेटियों ने एक साथ सरकारी नौकरी हासिल की है. बड़ी बेटी निभा कुमारी बीपीएससी-3 के तहत शिक्षिका बनी हैं और ज्ञान बांटने का कार्य कर रही हैं. वहीं, छोटी बेटी विभा कुमारी ने बिहार पुलिस में सिपाही के रूप में चयनित होकर राज्य की सेवा का रास्ता चुना है. दोनों बहनों की यह सफलता समाज में बेटियों को लेकर बनी रूढ़िवादी सोच को तोड़ने वाला कदम है.

वहीं रोहतास जिले के गंगाढ़ी गांव की दिव्या कुमारी ने भी संस्थान से पढ़ाई कर बिहार पुलिस में सिपाही पद पर सफलता हासिल की है. दिव्या की मां का देहांत बचपन में ही हो गया था. पिता किसान हैं. दिव्या बताती हैं कि बहनों के प्यार और पिता के संबल से उन्होंने कभी हार नहीं मानी. इस संघर्ष में दिव्या की सफलता उन तमाम बेटियों के लिए प्रेरणा है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपनों को जिंदा रखती हैं.

संस्थान के निदेशक डब्लू पाठक ने बताया कि विभा शुरू से ही मेहनती और संघर्षशील रही हैं. यह सफलता केवल एक परीक्षा पास करने की नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और अस्तित्व की नई पहचान की कहानी है. उन्होंने कहा कि कल तक जिन बेटियों की ज़िंदगी घर तक सीमित थी, आज वे वर्दी पहनकर बिहार की सेवा को तैयार हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 35% महिला आरक्षण नीति को इस क्रांति का आधार बताया और कहा कि यह बदलाव सरकार की दूरदर्शिता का परिणाम है. आज बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या देश में सबसे अधिक है जो राज्य की महिला सशक्तिकरण नीति की सफलता को दर्शाता है.

कार्यक्रम के अंत में डब्लू पाठक ने सभी चयनित छात्राओं को शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. साथ ही उन्होंने यह संदेश दिया कि बेटियां अगर ठान लें, तो कोई भी मुकाम दूर नहीं.










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