बक्सर विधायक मुन्ना तिवारी की सोच अंग्रेजी मानसिकता वाली, अबकी बार जनता देगी रिटायरमेंट : सौरभ तिवारी

कहा कि बक्सर विधायक खुद को 'राजतंत्र का प्रतिनिधि' समझने लगे हैं, जबकि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है. अंग्रेजी मानसिकता हावी है और वह बक्सर को उपनिवेश की तरह केवल लूटना चाहते हैं.










                                           




  • बक्सर में विकास की बहस गरमाई, भाजपा युवा मोर्चा ने विधायक पर बोला तीखा हमला
  • सौरभ तिवारी का आरोप - 10 साल से बक्सर के वोटर ही नहीं, फिर कैसा अपनापन?

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले की सियासत में एक बार फिर बयानबाजी तेज हो गई है. भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सौरभ तिवारी ने एक बयान जारी कर सदर विधायक मुन्ना तिवारी पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि बक्सर विधायक खुद को 'राजतंत्र का प्रतिनिधि' समझने लगे हैं, जबकि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है. अंग्रेजी मानसिकता हावी है और वह बक्सर को उपनिवेश की तरह केवल लूटना चाहते हैं.

सौरभ तिवारी ने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में विधायक ने न तो बक्सर में अपना स्थायी निवास बनाया और न ही अपना नाम बक्सर विधानसभा की मतदाता सूची में दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि यह सब विधायक के बक्सर के प्रति "सौतेलेपन" को दर्शाता है. उनके अनुसार विधायक ने कभी बक्सर को अपना घर नहीं समझा बल्कि उसे लूटने का प्रयास किया.

उन्होंने कहा, "जिस तरह कांग्रेस पार्टी पर अंग्रेजी मानसिकता का आरोप लगता है, उसी मानसिकता के तहत विधायक जी ने बक्सर को सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया. न विकास की कोई योजना लाई, न कोई दूरदर्शी सोच दिखाई. सड़क-नाली का काम तो पंचायत प्रतिनिधि भी करते हैं, पर विधायक जी कोई विजनरी योजना लेकर नहीं आए."

युवा मोर्चा अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि 24x7 उपलब्धता का दावा करने वाले विधायक प्रतिदिन केवल कुछ घंटों के लिए ही सर्किट हाउस में रहते हैं और शाम होते ही बक्सर छोड़ देते हैं. "अगर रात में किसी को विधायक से संपर्क करना हो तो सुबह 11 बजे तक का इंतजार करना पड़ता है," उन्होंने कहा.

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि विधायक को भाजपा कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. उन्होंने तंज कसा कि खुद उनकी पार्टी के सांसद और विधायक ही उनके साथ नहीं हैं और कार्यकर्ता भी उनके खिलाफ हो चुके हैं.

अंत में सौरभ तिवारी ने कहा, "विधायक की नौटंकीपूर्ण राजनीति से बक्सर बेहाल है. जनता अब उन्हें रिटायरमेंट देने और उनके गांव कोरान सराय भेजने का मन बना चुकी है. अगली बार अणुबम वाला चुटकुला वहीं सुनाइएगा."










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