हत्या या साज़िश? एसजेवीएन टेंडर घोटाले की परतों में दब गया एक कार्यकर्ता का सच .. सांसद सुधाकर सिंह ने सीबीआई को लिखा पत्र ..

गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन लोगों की कोई पूर्व ठेकेदारी या व्यापारिक पृष्ठभूमि नहीं है, वे इतने बड़े टेंडर घोटाले से कैसे जुड़ सकते हैं? 1aउन्होंने आशंका जताई कि कोयला टेंडर घोटाले से जुड़े वही गुट, जिनकी शिकायत पहले भी की गई थी, अब भी एसजेवीएन बक्सर प्लांट में सक्रिय हैं










                                           





  • सांसद सुधाकर सिंह ने सीबीआई को लिखा पत्र, हत्या को बताया संगठित साज़िश
  • कोयला घोटाले के खिलाफ आवाज़ उठाने की मिली 'सजा', बक्सर में गरमाई सियासत

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के बहुचर्चित एसजेवीएन थर्मल पावर प्लांट के कोयला टेंडर में घोटाले और पार्टी कार्यकर्ता अर्जुन यादव की हत्या को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम को गहरी साज़िश करार देते हुए सीबीआई निदेशक को पत्र लिखा है. उन्होंने टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार, गुटबाज़ी और संगठित अनियमितताओं की ओर इशारा करते हुए हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

सांसद ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि 10 फरवरी 2025 को एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा जारी टेंडर संख्या GEM/2025/B/5932194 में भारी अनियमितता की शिकायत उन्होंने 18 मार्च और 3 अप्रैल को विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर से की थी. शिकायत के आधार पर सीबीआई ने जांच शुरू की और परिणामस्वरूप उक्त टेंडर को रद्द कर दिया गया. बाद में 29 मई को नया टेंडर (GEM/2025/B/6289474) जारी हुआ. उन्होंने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक नैतिक जीत बताया.

लेकिन इस जीत की कीमत पार्टी को एक युवा कार्यकर्ता की शहादत के रूप में चुकानी पड़ी. 26 मई को एसजेवीएन बक्सर प्लांट के मुख्य द्वार पर पार्टी कार्यकर्ता एवं ठेकेदार अर्जुन यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वह लगातार टेंडर प्रक्रिया में धांधली के खिलाफ आवाज़ उठा रहे थे.

21 जून को बक्सर एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हत्या के आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और उनके अनुसार यह हत्या कोयला टेंडर विवाद से जुड़ी है. आरोपियों ने बयान में कहा कि अर्जुन यादव टेंडर रद्द करवाने के लिए राजनीतिक दबाव बना रहे थे, इसलिए उन्हें मार डाला गया.

इस पर सांसद सुधाकर सिंह ने गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन लोगों की कोई पूर्व ठेकेदारी या व्यापारिक पृष्ठभूमि नहीं है, वे इतने बड़े टेंडर घोटाले से कैसे जुड़ सकते हैं? उन्होंने आशंका जताई कि कोयला टेंडर घोटाले से जुड़े वही गुट, जिनकी शिकायत पहले भी की गई थी, अब भी एसजेवीएन बक्सर प्लांट में सक्रिय हैं और यही गुट इस हत्या के पीछे हो सकता है.

सांसद ने भारत सरकार, बिहार सरकार और सीबीआई से तीन अहम मांगें की हैं —

  1. अर्जुन यादव हत्याकांड की निष्पक्ष, स्वतंत्र और उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए.
  2. एसजेवीएन बक्सर थर्मल प्लांट में कार्यरत अधिकारियों और कोयला लॉबी की भूमिका की विशेष जांच हो.
  3. घोटालेबाजों और साजिशकर्ताओं के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

सुधाकर सिंह ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि लोकतंत्र और पारदर्शिता के लिए संघर्ष करने वाले एक युवा की शहादत है. उन्होंने कहा कि वह अर्जुन यादव की शहादत को कभी बेकार नहीं जाने देंगे और सच्चाई को सामने लाकर ही रहेंगे.

इस प्रकरण से बक्सर की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और एसजेवीएन की कार्यशैली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. जनता अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच की मांग कर रही है.










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