बताया कि वर्ष 1978 में उन्होंने जो मैराथन रिकॉर्ड बनाया था, वह आज तक कायम है. मांट्रियल ओलंपिक में उन्होंने मैराथन दौड़ में 11वां स्थान प्राप्त कर देश को गौरवान्वित किया था. वे बिहार के पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- भारत का मैराथन रिकॉर्ड आज भी कायम, बक्सर के मझरिया से निकले थे अंतर्राष्ट्रीय धावक
- 1976 और 1980 ओलंपिक में भारत का किया था प्रतिनिधित्व, बिहार के पहले अर्जुन अवॉर्डी रहे शिवनाथ सिंह
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : अंतर्राष्ट्रीय धावक और भारत के मैराथन मैन शिवनाथ सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर शुक्रवार को बक्सर उत्थान मंच द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन वेदशीरा मुनि के आश्रम परिसर में हुआ, जहां मंच के सदस्यों ने शिवनाथ सिंह की उपलब्धियों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि शिवनाथ सिंह न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का प्रतीक रहे. उनका जन्म बक्सर जिले के मझरिया गांव में हुआ था. भारतीय सेना की बिहार रेजिमेंट में शामिल होकर वे नायब सूबेदार के पद तक पहुंचे. उन्होंने दो एशियाई खेलों और दो ओलंपिक (1976 और 1980) में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में 1974 के तेहरान एशियाड में 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतना शामिल है.
मंच के सदस्यों ने यह भी बताया कि वर्ष 1978 में उन्होंने जो मैराथन रिकॉर्ड बनाया था, वह आज तक कायम है. मांट्रियल ओलंपिक में उन्होंने मैराथन दौड़ में 11वां स्थान प्राप्त कर देश को गौरवान्वित किया था. वे बिहार के पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनके निधन के बाद बिहार सरकार ने उन्हें मरणोपरांत 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया.
इस अवसर पर मंच के सदस्य मुकुंद सनातन, इंद्रजीत चौबे, अमित दुबे, महावीर गुप्ता, सतीश दुबे, अमरेंद्र पांडे, धन जी, मोनू श्रीवास्तव, बरमेश्वर चौधरी, मनोज केशरी, संजय चौबे, ओमकार गुप्ता, राघवेंद्र मिश्रा, तुलसी चौधरी, उमा कांत पांडे और बलराम पाठक सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
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