उद्यमियों का हल्ला बोल : बक्सर में बिआडा के खिलाफ प्रदर्शन ..

स्पष्ट किया कि इकाइयों के पास जब वैध अनुज्ञप्ति है और उत्पादन भी जारी है, तो उन्हें बंद दिखाना औद्योगिक नीति के खिलाफ है. अगर कोई इकाई वास्तव में बंद मिलती है तो संबंधित अधिकारियों को “शो कॉज नोटिस” देना चाहिए था या समीपवर्ती इकाइयों से सत्यापन कराना चाहिए था.





                                         





अधिकारियों पर मनमानी और दोहन का आरोप
संपत्ति जांच व पारदर्शी सर्वे की उठी मांग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : मंगलवार को बक्सर जिलाउद्यमी संघ के बैनर तले औद्योगिक क्षेत्र में जोरदार प्रदर्शन किया गया. संघ के जिला अध्यक्ष बृज किशोर सिंह की अध्यक्षता और जिला सचिव अखौरी पंकज सिन्हा के संचालन में आयोजित इस प्रदर्शन में दर्जनों उद्यमियों ने भाग लिया. सभी ने बिआडा को उद्योगों के ठप होने का जिम्मेदार ठहराते हुए अनुबंध पर बहाल अधिकारियों और कर्मचारियों पर दोहन व मनमानी का गंभीर आरोप लगाया.

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ये अधिकारी और कर्मचारी जानते हैं कि एनडीए सरकार दोबारा सत्ता में नहीं आएगी, इसलिए वे उद्योगपतियों से लूट-खसोट में लगे हैं. नारों के बीच उद्यमियों ने मांग की कि अनुबंध पर बहाल क्षेत्रीय प्रभारी और अधिकारियों की संपत्तियों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए. उन्होंने आरोप लगाया कि ये कर्मचारी बिहार और केंद्र सरकार विरोधी कार्य कर रहे हैं और व्यक्तिगत फायदे के लिए निजी संस्थाओं से कमीशन लेकर सर्वे करा रहे हैं.

उद्यमियों ने स्पष्ट किया कि इकाइयों के पास जब वैध अनुज्ञप्ति है और उत्पादन भी जारी है, तो उन्हें बंद दिखाना औद्योगिक नीति के खिलाफ है. अगर कोई इकाई वास्तव में बंद मिलती है तो संबंधित अधिकारियों को “शो कॉज नोटिस” देना चाहिए था या समीपवर्ती इकाइयों से सत्यापन कराना चाहिए था. लेकिन अधिकारी इस प्रक्रिया को नजरअंदाज कर मनमानी कर रहे हैं. उद्यमियों का कहना है कि वे सर्वे के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि चाहते हैं कि सर्वे का काम केंद्र सरकार की MSME संस्था से कराया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे.

प्रदर्शन में बिहिया उद्यमी संघ ने भी समर्थन दिया और वहां से 11 उद्यमी पहुंचे. मौके पर संघ के सदस्य बिनोधर ओझा ने धन्यवाद ज्ञापित किया, जबकि अस्थायी कोषाध्यक्ष व बाम्बे आयल मिल के मालिक मनोज तिवारी ने संबोधन किया. इस प्रदर्शन में लगभग 70 उद्यमियों ने हिस्सा लिया और अधिकारियों की संपत्तियों की जांच तथा उनके खिलाफ अविलंब कार्रवाई की मांग की. बताया गया कि जब उद्यमी मांग-पत्र सौंपने पहुंचे तो अनुबंध पर बहाल क्षेत्रीय प्रभारी कार्यालय छोड़कर चले गए.







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