समिति के 25वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में श्याम वाटिका में आयोजित डांडिया उत्सव ने पूरे क्षेत्र का माहौल उत्सवी बना दिया. नवरात्रि के पावन अवसर पर हुए इस आयोजन में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया.
- 25वें वर्षगांठ पर महिलाओं ने दीपोत्सव कर किया शुभारंभ
- डांडिया की धुन पर महिलाओं और बच्चों ने जमकर उठाया आनंद
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : गजाधर गंज स्थित जय मां दुर्गा पूजा समिति का रजत जयंती समारोह इस वर्ष बड़े हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाया जा रहा है. समिति के 25वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य में श्याम वाटिका में आयोजित डांडिया उत्सव ने पूरे क्षेत्र का माहौल उत्सवी बना दिया. नवरात्रि के पावन अवसर पर हुए इस आयोजन में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया.
समारोह की शुरुआत दीपोत्सव से हुई. समिति की परंपरा के अनुसार इस बार दीप प्रज्वलन का दायित्व समाज की सम्मानित बुजुर्ग महिलाओं को दिया गया. प्रेमा मानसिंहका, कमला कुमारी, मंजू देवी, गीता देवी, किरण देवी और चंदा पांडेय ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उनके द्वारा किया गया दीपोत्सव पूरे वातावरण में श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता दिखाई दिया.
मुख्य मंच पर रागिनी कुमारी, मधु मानसिंहका और मोना मानसिंहका की सक्रिय भागीदारी ने आयोजन को और जीवंत बना दिया. डांडिया की पारंपरिक धुनों पर महिलाएं झूम उठीं. जया अग्रवाल, दीपा राज, दुर्गावती देवी, रानी ठाकुर, रंजना मानसिंहका, उर्मिला सिंह, अनु मानसिंहका, अलका मानसिंहका, सुधा मानसिंहका, पूजा जयसवाल, शैबाला जयसवाल, डिंपल उपाध्याय, लता देवी, अंजली गुप्ता, नीलम देवी, अनीता देवी, सोनाली जयसवाल, संगीता मानसिंहका, करुणा मानसिंहका, अंकिता सिन्हा, रेखा केशरी, नूतन केशरी, आकृति गोयल, सुनीता केजरीवाल, मनीषा, अमृता, शालिनी देवी और सरिता देवी ने पूरे उत्साह से भाग लिया.
डांडिया की रंग-बिरंगी छटा में बच्चे भी पीछे नहीं रहे. उन्होंने पारंपरिक परिधानों में मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया. आयोजन में स्नैक्स और नवरात्रि विशेष व्यंजनों की व्यवस्था भी की गई, जिससे प्रतिभागियों और मेहमानों ने स्वाद और परंपरा का आनंद एक साथ लिया.
रजत जयंती वर्ष समिति के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है. 25 वर्षों से यह समिति न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रही है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का प्रतीक भी बनी हुई है. इस अवसर पर समिति के सदस्य और स्थानीय लोग भावुक भी नजर आए. उनका कहना था कि यह आयोजन न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि समाज को जोड़ने वाली कड़ी भी है.
गजाधर गंज की धरती पर रजत जयंती समारोह का यह उत्सव सामूहिक भक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का उज्ज्वल उदाहरण बन गया, जहां परंपरा और आधुनिकता दोनों का अद्भुत संगम देखने को मिला.
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