नाली-गली विवाद में हत्या : एक को आजीवन कारावास, तीन महिलाओं को तीन साल की सजा ..

अहम फैसला सुनाते हुए एक मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास तथा तीन अन्य महिलाओं को तीन-तीन वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत का यह आदेश पीड़ित परिवार के लिए राहत और न्याय की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.






                                         




  • मुख्य आरोपी क्रांति तुरहा धारा 302 में दोषी, अदालत ने सुनाई उम्रकैद
  • सावित्री देवी, रूबी देवी और गुड़िया देवी को तीन वर्ष सश्रम कारावास व अर्थदंड

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नावानगर थाना क्षेत्र के केसठ गांव में नाली-गली के विवाद से शुरू हुआ तनाव हत्या तक पहुंच गया था. इस चर्चित मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह की अदालत ने बुधवार को अहम फैसला सुनाते हुए एक मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास तथा तीन अन्य महिलाओं को तीन-तीन वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत का यह आदेश पीड़ित परिवार के लिए राहत और न्याय की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, मुख्य दोषसिद्ध अभियुक्त क्रांति तुरहा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत उम्रकैद की सजा मुकर्रर की गई. वहीं, उसकी मां सावित्री देवी, रिश्तेदार रूबी देवी और गुड़िया देवी को धारा 324 एवं 149 के तहत तीन वर्ष की सश्रम कारावास की सजा और तीन हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, चिकित्सकीय रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही इस अपराध को प्रमाणित करती है.

मामला 24 जून 2023 की दोपहर का है, जब केसठ गांव में नाली-गली को लेकर हुए पुराने विवाद ने अचानक उग्र रूप ले लिया. इसी दौरान कथित रूप से मुख्य आरोपी क्रांति तुरहा और उसके परिजनों ने कृष्णा तुरहा की मां रीता देवी पर हमला कर दिया. हमले में रीता देवी के सिर में गंभीर चोट आई, जिसके कारण वह घटनास्थल पर ही बेहोश होकर गिर गईं. परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद गांव में तनाव का वातावरण बन गया था.

घटना की जानकारी मिलते ही नावानगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को नियंत्रित किया. कृष्णा तुरहा के बयान पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली और मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस ने घटना से संबंधित महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य जुटाए और लगभग 15 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत किया. गवाहों ने अदालत के सामने स्पष्ट किया कि नाली-गली के विवाद को लेकर ही यह घटना हुई और आरोपियों ने मिलकर रीता देवी पर हमला किया.

अपर लोक अभियोजक आदित्य कुमार वर्मा ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने अदालत में सभी तथ्यों और गवाहियों को मजबूती के साथ रखा. लंबी सुनवाई के बाद न्यायालय ने सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए आज सजा सुनाई. अदालत ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज में अशांति फैलाती हैं और आरोपियों का कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है.

अदालत के इस निर्णय से पीड़ित परिवार ने संतोष व्यक्त किया है. गांव के लोगों का कहना है कि यह फैसला न्याय और कानून की मजबूती का संदेश देता है और ऐसे विवादों को समय रहते सुलझाने की सीख भी देता है.










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