जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) के संयुक्त हस्ताक्षर से शिक्षकों की सूची जारी की गई. इस सूची में उन शिक्षकों के नाम शामिल हैं जिन्हें विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद वेतन संरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था. पत्र जारी होने के बाद शिक्षकों में हर्ष की लहर दौड़ गई.
संयुक्त हस्ताक्षर से जारी हुई सूची, लंबे इंतजार के बाद मिली राहत
तकनीकी अड़चन के कारण अटका लाभ अब शिक्षकों को मिलेगा नियमित वेतन संरक्षण
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिले के शिक्षकों के लिए शनिवार का दिन राहत भरा साबित हुआ. लंबे समय से लंबित वेतन संरक्षण का लाभ देने को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) के संयुक्त हस्ताक्षर से शिक्षकों की सूची जारी की गई. इस सूची में उन शिक्षकों के नाम शामिल हैं जिन्हें विशिष्ट शिक्षक बनने के बाद वेतन संरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था. पत्र जारी होने के बाद शिक्षकों में हर्ष की लहर दौड़ गई.
जानकारी के अनुसार, बीपीएससी द्वारा नियुक्त विशिष्ट शिक्षकों को नियमावली के तहत बेसिक ग्रेड शिक्षकों का मूल वेतन 25,000 रुपये, वर्ग छह से आठ के शिक्षकों का 28,000 रुपये और माध्यमिक स्तर के कुछ शिक्षकों का 31,000 रुपये मूल वेतन निर्धारित किया गया था. जनवरी 2025 से इन्हीं दरों पर वेतन भुगतान किया जा रहा था. जबकि विशिष्ट शिक्षक बनने से पहले शिक्षकों का मूल वेतन इससे अधिक था. इस कारण बड़ी संख्या में शिक्षकों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा था, विशेषकर बेसिक ग्रेड के शिक्षकों को सबसे अधिक घाटा हुआ.
शिक्षक नेता मुक्तेश्वर प्रसाद ने कहा कि वेतन संरक्षण का लाभ विशिष्ट शिक्षक नियमावली में स्पष्ट रूप से अंकित था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से यह तुरंत लागू नहीं हो सका. उन्होंने बताया कि बहुत से शिक्षक आंदोलन की तैयारी में थे, किंतु हमने उन्हें समझाया कि यह सिर्फ तकनीकी देरी है. बक्सर जिले के अधिकारी शिक्षकों के हित में हमेशा सकारात्मक सोच के साथ कार्य करते हैं. परिणामस्वरूप शनिवार को जारी पत्र के बाद शिक्षकों को उनका हक मिला.
वेतन संरक्षण की घोषणा के बाद शिक्षकों ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके आर्थिक हित में बड़ा निर्णय है. अमितेश कुमार रिंकू, जयकुमार राय, अवधेश कुमार पासवान, राजेश कुमार शर्मा, जयप्रकाश यादव, संतोष कुमार, जयप्रकाश सिंह, कलेन्द्र कुमार, अमित कुमार, कुणाल किशोर, कवि जी इन्द्र प्रकाश सिंह, सत्येन्द्र कुमार, धनजी कुमार सहित अनेक शिक्षकों ने जिला प्रशासन के इस कदम की सराहना की.
शिक्षकों ने इसे अपने संघर्ष और विश्वास की जीत बताया तथा कहा कि यह फैसला न केवल उनकी आर्थिक स्थिरता बहाल करेगा बल्कि भविष्य में शिक्षण कार्य के प्रति उनकी निष्ठा को और मजबूत करेगा.







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