तत्कालीन एसडीपीओ धीरज कुमार पर अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा, रीडर के माध्यम से रुपये मांगने का गंभीर आरोप ..

अभियुक्तकरण असत्य घोषित कराने के लिए रीडर मो. सैफुल अंसारी ने तीन लाख रुपये की मांग की थी. इस संबंध में पीड़ित ने अपने वकील के साथ तत्कालीन एसडीपीओ धीरज कुमार से मुलाकात की थी. बातचीत के दौरान एसडीपीओ ने उन्हें रीडर से बात करने की बात कही. 





                                         






• लोक शिकायत के आधार पर हुई जांच में तथ्य मिले, शाहाबाद डीआईजी को भेजी गई रिपोर्ट
• मो. सैफुल अंसारी से स्पष्टीकरण की मांग, गृह विभाग को भी दी गई आधिकारिक सूचना

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : तत्कालीन सदर एसडीपीओ धीरज कुमार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. एसपी शुभम आर्य ने मामले से संबंधित प्रतिवेदन शाहाबाद डीआईजी के पास भेजते हुए गृह विभाग के सचिव-सह-द्वितीय अपीलीय प्राधिकार को भी इसकी विधिवत सूचना दी है. वहीं तत्कालीन जिलाबल और वर्तमान में नवगछिया पदस्थापित मो. सैफुल अंसारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. यह मामला सोनपा गांव निवासी शरदेन्दु राय द्वारा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां दायर परिवाद से जुड़ा है, जिसमें तत्कालीन एसडीपीओ के रीडर पर तीन लाख रुपये की मांग करने का आरोप लगाया गया था.

परिवाद में कहा गया है कि राजपुर थाना कांड संख्या 405/23 में अभियुक्तकरण असत्य घोषित कराने के लिए रीडर मो. सैफुल अंसारी ने तीन लाख रुपये की मांग की थी. इस संबंध में पीड़ित ने अपने वकील के साथ तत्कालीन एसडीपीओ धीरज कुमार से मुलाकात की थी. बातचीत के दौरान एसडीपीओ ने उन्हें रीडर से बात करने की बात कही. इसके बाद आरोप के अनुसार पीड़ित ने दो किस्तों में कुल एक लाख 60 हजार रुपये दिए थे.

लगभग छह माह बाद 2024 में पीड़ित को न्यायालय में पता चला कि पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है और केस असत्य घोषित नहीं हुआ. इसके बाद पीड़ित ने रुपये वापस मांगने शुरू किए. आरोप है कि रीडर ने तबियत खराब होने और एम्स में इलाज का हवाला दिया तथा कुछ समय बाद फोन उठाना बंद कर दिया. काफी दबाव के बाद दो किस्तों में केवल तीस हजार रुपये वापस किए गए. शेष राशि न मिलने पर पीड़ित ने परिवाद दायर किया. जांच के दौरान बैंक निकासी और एक व दो दिसंबर को पीड़ित तथा अधिवक्ता के साथ फोन पर लगातार बातचीत के प्रमाण सामने आए.

रीडर मो. सैफुल अंसारी ने लोक शिकायत में दिए जवाब में कहा कि 12 दिसंबर 2023 को उनका तबादला ब्रह्मपुर अंचल कार्यालय में हो गया और पीड़ित का अपनी चचेरी बहन से भूमि विवाद है. हालांकि वह यह स्पष्ट नहीं कर सके कि एक और दो दिसंबर को पीड़ित तथा अधिवक्ता से लगातार बातचीत क्यों की गई. लोक शिकायत में रीडर की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद पुनः विधिवत जांच कराई गई.

जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी शुभम आर्य ने तत्कालीन एसडीपीओ धीरज कुमार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए प्रतिवेदन शाहाबाद डीआईजी को भेज दिया है. साथ ही गृह विभाग के सचिव-सह-द्वितीय अपीलीय प्राधिकार को भी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई गई है. मामले की पुष्टि करते हुए एसपी शुभम आर्य ने कहा कि "मामले की जांच कर प्रतिवेदन भेजा गया है."








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