सेवा पर्व में बदला जन्मदिन, शिक्षिका ने जरूरतमंदों को कराया भोजन ..

यह संदेश दिया कि खुशियों का वास्तविक आनंद उन्हें समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के साथ साझा करने में है. आयोजन भागीरथी सहयोग सेवा संस्थान एवं भोजन बैंक के सहयोग से किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को भरपेट भोजन कराया गया.

पति डॉ शशांक शेखर संग जरूरतमंदों को भोजन परोसती ज्योति समन

 




                                         



  • बेटे हिमांशु शेखर के जन्मदिन पर मानवता का संदेश, जरूरतमंदों संग साझा की खुशियां
  • भागीरथी सहयोग सेवा संस्थान व भोजन बैंक के माध्यम से हुआ आयोजन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : समाजसेवा और मानवीय संवेदनाओं की अनुकरणीय मिसाल पेश करते हुए शिक्षिका सुमन ज्योति ने अपने बेटे हिमांशु शेखर के जन्मदिन को सेवा पर्व के रूप में मनाया. इस अवसर पर उन्होंने जरूरतमंद लोगों को भोजन कराकर यह संदेश दिया कि खुशियों का वास्तविक आनंद उन्हें समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के साथ साझा करने में है. आयोजन भागीरथी सहयोग सेवा संस्थान एवं भोजन बैंक के सहयोग से किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को भरपेट भोजन कराया गया.

भोजन बैंक के सदस्यों के साथ दपत्ति

कार्यक्रम के दौरान सुमन ज्योति ने कहा कि आज के समय में जन्मदिन जैसे अवसर केवल निजी खुशी और औपचारिक आयोजनों तक सीमित होते जा रहे हैं, जबकि भारतीय संस्कृति सेवा, त्याग और करुणा पर आधारित रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे अवसरों को समाज के जरूरतमंद वर्ग के साथ मनाना हमारी परंपरा और संस्कारों की सच्ची पहचान है.

उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को बचपन से ही सेवा और संवेदनशीलता के संस्कार देना आवश्यक है, ताकि वे बड़े होकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझ सकें. बेटे हिमांशु शेखर के जन्मदिन को सेवा दिवस के रूप में मनाकर उन्होंने यही संदेश देने का प्रयास किया कि मानवीय मूल्यों की नींव बचपन से ही मजबूत होनी चाहिए.

भागीरथी सहयोग सेवा संस्थान और भोजन बैंक के सदस्यों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में सकारात्मक सोच, सहयोग और आपसी भाईचारे की भावना मजबूत होती है. उन्होंने कहा कि जब व्यक्तिगत खुशी को समाजहित से जोड़ा जाता है, तभी उसका वास्तविक महत्व सामने आता है.

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने शिक्षिका सुमन ज्योति के इस मानवीय प्रयास की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और इसे समाज के लिए प्रेरणादायी बताया.










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