कक्षा 3 और 4 की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत भारतीय नृत्य कला की उच्चस्तरीय प्रस्तुति ने विशेष सराहना बटोरी. इस प्रस्तुति में बिहार और उत्तराखंड की सांस्कृतिक सुंदरता का सुंदर समन्वय देखने को मिला, जो नए भारत की कल्पना को साकार करता प्रतीत हुआ.
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : गुरुदास मठिया, इटाढ़ी रोड स्थित फाउंडेशन स्कूल में बच्चों और शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तक “TRYST WITH NATURE” के विमोचन का भव्य और प्रेरणादायी कार्यक्रम आयोजित किया गया. यह आयोजन शैक्षणिक नवाचार, अनुभवात्मक अधिगम और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता को समर्पित रहा.
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीडीसी बक्सर, निहारिका छवि (आईएएस) रहीं, जबकि विशिष्ट अतिथि चेयरमैन बक्सर, कमरुन निशा उपस्थित रहीं. विद्यालय के मेंटॉर राजेश्वर मिश्रा की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष ऊँचाई प्रदान की. पंचानंद सर, सरोज सर, भारत सर, प्रकाश पांडेय सर एवं डॉ. प्रदीप पाठक सर (अध्यक्ष, स्कूल एसोसिएशन, बक्सर) सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य मनोज त्रिगुण ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ किया. अपने उद्घाटन संबोधन में प्रधानाचार्य ने बताया कि यह पुस्तक 33 विद्यार्थियों और 11 शिक्षकों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है. उन्होंने कहा कि फाउंडेशन स्कूल विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है और बच्चों की हर छोटी-बड़ी उपलब्धि को उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए, जिससे उनके आत्मविश्वास और मनोबल में निरंतर वृद्धि होती है.
प्रधानाचार्य ने यह भी बताया कि अक्टूबर माह में विद्यार्थियों द्वारा किए गए देहरादून शैक्षणिक भ्रमण के दौरान बच्चों ने वहां घटित बादल फटने जैसी प्राकृतिक त्रासदी को बहुत करीब से देखा और समझा. उन्होंने न केवल समस्याओं को पहचाना, बल्कि उनके संभावित समाधान भी पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किए. यह प्रस्तुति उनके ज्ञान-विकास, संवेदनशीलता और प्रकृति की गहन समझ को स्पष्ट रूप से दर्शाती है.
कार्यक्रम के दौरान सभी विद्यार्थियों ने एक-एक कर अपनी पीपीटी प्रस्तुत की और शैक्षणिक भ्रमण के दौरान देखी गई जगहों, वहां से मिली सीख और भविष्य में क्या बेहतर किया जा सकता है, इन सभी बिंदुओं को प्रभावशाली ढंग से साझा किया. यह संपूर्ण गतिविधि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, कोठारी आयोग की सिफारिशों और बंडूरा के सामाजिक अधिगम सिद्धांत को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती दिखी.
मुख्य अतिथि निहारिका छवि ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चे वास्तविक परिस्थितियों से जो सीखते हैं, वह जीवन भर याद रहती है और उनके व्यवहार का अभिन्न हिस्सा बन जाती है. उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हर विद्यार्थी एक दीपक की भांति होता है, जो अपनी रोशनी से न केवल स्वयं बल्कि पूरे राष्ट्र को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखता है.
विशिष्ट अतिथि कमरुन निशा ने विद्यार्थियों की इस रचनात्मक और सराहनीय पहल की प्रशंसा की और विद्यालय परिवार को शुभकामनाएँ दीं. विद्यालय के गणित शिक्षक रामायण राय ने यात्रा के अपने अनुभव और शिक्षा में ऐसी गतिविधियों के योगदान की चर्चा की. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास बच्चों में रचनात्मकता, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करते हैं.
कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया. कक्षा 3 और 4 की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत भारतीय नृत्य कला की उच्चस्तरीय प्रस्तुति ने विशेष सराहना बटोरी. इस प्रस्तुति में बिहार और उत्तराखंड की सांस्कृतिक सुंदरता का सुंदर समन्वय देखने को मिला, जो नए भारत की कल्पना को साकार करता प्रतीत हुआ.
स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप पाठक ने भी विद्यालय द्वारा किए जा रहे शैक्षणिक और रचनात्मक कार्यों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की और इसे अन्य विद्यालयों के लिए प्रेरणास्रोत बताया.
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के अकादमिक एक्सीलेंस हेड डॉ. एस. के. दुबे ने सभी अतिथियों, अभिभावकों और विद्यार्थियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया. उन्होंने कार्यक्रम की सफलता के लिए विद्यालय के समस्त शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई दी और उनके समर्पण और परिश्रम की सराहना की.
कुल मिलाकर, पुस्तक “TRYST WITH NATURE” का यह विमोचन कार्यक्रम न केवल एक पुस्तक का लोकार्पण था, बल्कि बच्चों की अनुभवजन्य शिक्षा, प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और रचनात्मक अभिव्यक्ति का जीवंत उदाहरण बनकर उपस्थित सभी लोगों के लिए प्रेरणादायी अनुभव सिद्ध हुआ.
कार्यक्रम में अनिल ओझा, अजय तिवारी, अविनाश पाठक, फ़राज़ खान, मीना श्रीवास्तव, वंदना कुमारी, अनुपमा पाठक, भारती देवी, अनीता सिंह, संजीव सिंह, मिथिलेश कुमार, राजीव पाठक, अमित कुमार एवं सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रही.





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