सहोदर भाई का हत्यारा दोस्त के साथ गिरफ्तार ..

आरोपित सगा भाई तथा उसके एक सहयोगी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार प्रेम प्रसंग में बाधक बनने के कारण दिव्यांग युवक की उसके सगे छोटे भाई ने ही अपने साथियों के साथ नृशंस तरीके से हत्या कर शव को कुएं में डाल दिया था. इस हत्याकांड में एक आरोपित को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.





- मुरार थाना क्षेत्र के पापा 4 गांव में होली की पूर्व संध्या पर हुई थी हत्या
- पटना में बैठ रची गई थी शाजिश, हत्या कर कुएं में फेंक दी लाश


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : एक वर्ष पूर्व होली की पूर्व संध्या पर मुरार थाना क्षेत्र के फफदर गांव के समीप दिव्यांग युवक की हत्या करने मामले में मुख्य आरोपित सगा भाई तथा उसके एक सहयोगी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार प्रेम प्रसंग में बाधक बनने के कारण दिव्यांग युवक की उसके सगे छोटे भाई ने ही अपने साथियों के साथ नृशंस तरीके से हत्या कर शव को कुएं में डाल दिया था. इस हत्याकांड में एक आरोपित को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

मामले में सोमवार को पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने अपने कार्यालय में प्रेसवार्ता कर बताया कि हत्या की होली की पूर्व संध्या 28 मार्च 2021 को फफदर गांव निवासी सुरेंद्र सिंह के दिव्यांग पुत्र रविकांत होली के सामान की खरीदारी कर अपनी ट्राइसाइकिल से घर लौट रहे थे, इसी दौरान मसर्हियां और फफदर गांव के बीच सुनसान स्थान पर उसके छोटे भाई ओमप्रकाश ने गांव के ही जितेंद्र सिंह उर्फ मुन्ना तथा दोस्त औरंगाबाद के पौधु थाना क्षेत्र अंतर्गत अलपा गांव निवासी बन्नी उर्फ बनवारी के साथ मिलकर अपने भाई रविकांत की नृशंस तरीके से हत्या कर शव को बगीचे के कुएं में फेंक दिया था. रास्ते से गुजर रहे लोगों ने सड़क पर बिखरे खून और दिव्यांग की ट्राइसाइकिल को देखकर पुलिस को इसकी सूचना दी. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने रात में कुएं में युवक का शव पड़ा देखा. रात में अंधेरा होने के कारण अगली सुबह युवक का शव कुएं से बाहर निकाला गया. अनुसंधान के क्रम में कुछ ही दिनों बाद पुलिस ने मुन्ना को गिरफ्तार कर लिया था, जिसने अपने स्वीकारोक्ति बयान में पूरी साजिश का खुलासा करते बताया कि रविद्र के भाई ओमप्रकाश द्वारा हत्या की रची गई साजिश के तहत उनलोगों ने हत्या की थी. इसके बाद से पुलिस हत्यारोपी सगे भाई ओमप्रकाश तथा उसके सहयोगी बन्नी उर्फ बजरंगी की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयासरत थी. अनुसंधान के लिए डुमरांव डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन कर छानबीन की जा रही थी. खोजबीन के लिए पुलिस ने डाग स्क्वायड का भी इस्तेमाल किया था. इस बीच पुलिस को मिली गुप्त सूचना के बाद डुमरांव स्टेशन से रविवार की शाम छापेमारी कर ओमप्रकाश तथा उसके सहयोगी बन्नी को गिरफ्तार कर लिया गया.


पटना में रची गई थी हत्या की साजिश : 

ओमप्रकाश की गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई कि प्रेम प्रसंग में बाधक बन रहे भाई को रास्ते से हटाने के लिए होली से चार-पांच रोज पहले ही ओमप्रकाश औरंगाबाद निवासी अपने दोस्त बन्नी उर्फ बनवारी से मिलने पटना गया था. पटना में दोनों एकसाथ ही मजदूरी करते थे। बन्नी के घर पर ही हत्या की पूरी साजिश रची गई और यह तय हुआ कि घटनास्थल पर कोई भी मोबाइल लेकर नहीं जाएगा. इसके बाद तय समय पर तीनों घटनास्थल के पास ही एक झोपड़ी में बैठकर गांजा पीते हुए इंतजार कर रहे थे.

सगे भाई ने ही किया था पहला वार

जिस वक्त दिव्यांग रविद्र होली का सामान खरीदकर अपनी ट्राई साइकिल से घर लौट रो थे, तब पहले से घात लगाए तीनों में से मुन्ना ने रविद्र को रास्ते में रोक लिया और बात करने लगा. तभी पीछे से उसके सगे भाई ओमप्रकाश ने सिर पर डंडा से जोरदार वार किया और तब तीनों ने मिलकर खैनी काटने वाले चाकू से रविद्र को गोद दिया था. इतना ही नहीं रविद्र के शव को सड़क से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर बगीचा तक घसीटते हुए तीनों ले गए और ईंट से कूचकर शव बगीचे में सूख कुएं में डाल दिया था.











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