उन्होंने कारा में बंद 96 और 94 साल के बंदियों से भी मुलाकात की तथा उनका हाल-चाल जाना. न्यायाधीश ने आमद वार्ड में बंदियों से बात की. फिर वह विश्वामित्र वार्ड में गए. इसके साथ ही वह जूविनाइल वार्ड में भी गए जहां उन्होंने बच्चों के उम्र आदि संबंधी जानकारियां प्राप्त की.
- निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे मुख्यालय डीएसपी तथा अन्य अधिकारी
- 2 घंटे से ज्यादा समय तक चला न्यायाधीश का निरीक्षण
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण कुमार झा ने बक्सर केंद्रीय कारागार का निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ मुख्यालय डीएसपी अशफाक अंसारी, केंद्रीय कारा अधीक्षक राजीव कुमार, सहायक कारा अधीक्षक प्रियतम प्रियदर्शी, पुष्पराज, सत्यजीत के साथ-साथ गृह विभाग की प्रोबेशन पदाधिकारी श्रेया सुमन, सुल्ताना फिरदौस के साथ-साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश कार्यालय के प्रधान लिपिक संजय कुमार, न्यायालय के नाजिर आदि मौजूद थे. न्यायाधीश के द्वारा केंद्रीय कारा का निरीक्षण तकरीबन चार घंटे तक किया गया. वह जेल की व्यवस्थाओं से काफी प्रभावित दिखे और व्यवस्थाओं की सराहना भी की. न्यायाधीश ने कहा कि निश्चय ही केंद्रीय कारा में बंद कैदी सुधार के रास्ते पर जाने को प्रेरित हो रहे हैं.
न्यायाधीश ने केंद्रीय कारा की निर्माणशाला, रसोईघर के साथ-साथ अस्पताल का भी निरीक्षण किया जहां दवाओं तथा रोगियों को मिलने वाली सुविधाओं के साथ-साथ वहां कार्यरत चिकित्सकों का विश्राम घर भी देखा. इसके बाद उन्होंने एचआइवी, हेपेटाइटिस-बी, मानसिक रोगियों के वार्ड का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कारा में बंद 96 और 94 साल के बंदियों से भी मुलाकात की तथा उनका हाल-चाल जाना. न्यायाधीश ने आमद वार्ड में बंदियों से बात की. फिर वह विश्वामित्र वार्ड में गए. इसके साथ ही वह जूविनाइल वार्ड में भी गए जहां उन्होंने बच्चों के उम्र आदि संबंधी जानकारियां प्राप्त की.
लाइब्रेरी के साथ-साथ अति उच्च सुरक्षा वार्ड का भी किया निरीक्षण :
निरीक्षण के क्रम में न्यायाधीश ने केंद्रीय कारा में बनी कैंटीन के साथ-साथ लाइब्रेरी का भी निरीक्षण किया. लाइब्रेरी में उन्होंने पुस्तकों के अच्छे संग्रह को देखकर प्रसन्नता जताई फिर वह टेलीफोन बूथ तथा अति उच्च सुरक्षा कक्षा का निरीक्षण करने भी पहुंचे.
शैक्षणिक गतिविधियों की भी ली जानकारी :
न्यायाधीश अरुण कुमार झा ने कारा एवं सुधार विभाग के निर्देशानुसार जेल में चलाई जा रही शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की. उन्होंने साक्षरता कार्यक्रम के बारे में कारा अधीक्षक से बातचीत की एवं आरसेटी के द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी ली.
कैदियों द्वारा निर्मित कलाकृतियां तथा सामग्रियों को सराहा :
न्यायाधीश ने जेल के अंदर बनने वाले फिनायल, कास्टिक साबुन, लाइफर साबुन, सूती वस्त्र, लकड़ी की बनी कलाकृतियां को देखकर कैदियों की प्रतिभा को काफी सराहा तथा कारा अधीक्षक को कैदियों को लगातार ऐसे ही प्रोत्साहित करते रहने का निर्देश दिया.
मुक्त कारागार के बंदियों से भी की बातचीत :
न्यायाधीश ने मुक्त कारागार के बंदियों से भी बातचीत की. मुक्त कारागार के अनुभव को जाना. उन्होंने मुक्त कारागार की व्यवस्था को भी सराहा. साथ ही यह कहा कि मुक्त कारागार अपने आप में एक अनूठा प्रयोग है जो कैदियों को मुख्य धारा से जोड़ने में सहायक होता है.
कहते हैं कारा अधीक्षक :
पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण कुमार झा ने केंद्रीय कारा का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने यहां की व्यवस्थाओं की सराहना तो की ही साथ ही साथ कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए हैं.
राजीव कुमार,
अधीक्षक, केंद्रीय कारा
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