पदाधिकारी के कक्ष में उन्होंने जमकर हंगामा किया. गाली-गलौज से लेकर अभद्र आचरण भी किया. खास बात यह रही कि मौके पर मुख्य पार्षद प्रतिनिधि भी देखे गए. इतना ही नहीं इस मामले का वीडियो भी बनवाया गया जिसे बाद में सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से खूब प्रचारित भी किया गया.
- - जिला पदाधिकारी के संज्ञान में लाया गया मामला
- - कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा अलोकतांत्रिक तरीके से विरोध गलत
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार ने पदभार ग्रहण कर लिया, लेकिन उन पर दबाव बनाने की मंशा लेकर कुछ पार्षदों ने विरोध के नाम पर उनसे जमकर दुर्व्यवहार किया. मामला शुक्रवार का है इस तरह की घटना से स्तब्ध अधिकारी ने मामले की सूचना जिला पदाधिकारी को दी है. साथ ही इस तरह की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.
दरअसल, शुक्रवार को सैरातों की बंदोबस्ती में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कुछ पार्षद नगर परिषद कार्यालय में पहुंच गए. कार्यपालक पदाधिकारी के कक्ष में उन्होंने जमकर हंगामा किया. गाली-गलौज से लेकर अभद्र आचरण भी किया. खास बात यह रही कि मौके पर मुख्य पार्षद प्रतिनिधि भी देखे गए. इतना ही नहीं इस मामले का वीडियो भी बनवाया गया जिसे बाद में सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से खूब प्रचारित भी किया गया.
इस घटना से व्यथित कार्यपालक पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सबको अपनी बात लोकतांत्रिक ढंग से रखने का हक है, लेकिन जिस तरह का व्यवहार हुआ वह कतई बर्दाश्त योग्य नहीं है. इसके साथ ही बिना अनुमति के कार्यालय में घुसकर वीडियो बनाना और उसे प्रसारित करना भी दंडनीय अपराध है. ऐसे में इन सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए जिला पदाधिकारी को मामले से अवगत करा दिया गया है. निश्चय और मर्यादित आचरण करने वालों पर उचित कानूनी कार्रवाई होगी.
दो साल की कारावास का है प्रावधान :
अधिवक्ता रामनारायण बताते हैं कि सरकारी काम में रुकावट डालने सरकारी कर्मी से वाद विवाद करने तथा उसकी मानहानि करने बिना अनुमति वीडियो बनाने और उसे प्रसारित करने जैसे मामलों पर भारतीय दंड विधान की 353, 504, 500 और 503 के तहत दो वर्ष की कारावास हो सकती है.
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