जमीन फर्जीवाड़े के चर्चित "सौदागर" गिरफ्तार ..

जानकारी मिलते ही नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. अचानक ऐसे कई लोग सामने आए जिन्होंने यह कहा कि सौदागर पांडेय ने उनके साथ भी फर्जीवाड़ा किया है. बाद में गिरफ्तार अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए जेल भेज दिया गया. 










- जमीन खरीद बिक्री मामले में जारी हुआ था अजमानतीय वारंट
- पकड़े जाने के बाद थाने पर जुटी जान-पहचान वालों की भीड़

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सरकारी जमीन बेचने तथा एक ही जमीन को कई बार रजिस्ट्री कराने करने जैसे मामलों को लेकर भूमि संबंधित मामले में फर्जीवाड़ा के चर्चित आरोपित चीनी मिल निवासी सौदागर पांडेय को शुक्रवार की सुबह पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उनके खिलाफ कोर्ट से अजमानतीय वारंट जारी किया गया था. पुलिस की कार्रवाई के बारे में जानकारी मिलते ही नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. अचानक ऐसे कई लोग सामने आए जिन्होंने यह कहा कि सौदागर पांडेय ने उनके साथ भी फर्जीवाड़ा किया है. बाद में गिरफ्तार अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए जेल भेज दिया गया. 

मामले के बारे में जानकारी देते हुए अधिवक्ता सरोज पांडेय ने बताया कि सौदागर पांडेय ने सच्चिदानंद पांडे नामक व्यक्ति को जमीन बेचने के लिए उनसे पैसे लिए थे. बाद में जब वह जमीन नहीं दे पाए तो सच्चिदानंद पांडेय ने उनसे अपने पैसे वापस मांगे. सौदागर पांडेय ने उन्हें 6.40 लाख रुपये का चेक दिया था जो कि बाउंस हो गया. इसी मामले में न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होने पर उनके विरुद्ध अजमानतीय वारंट जारी हुआ था.

नगर थानाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि पूर्व के कोर्ट में चल रहे फर्जीवाड़ा के एक मामले में आरोपित सौदागर पांडेय को गत दो फरवरी को ही अपना बयान देने के लिए कोर्ट बुलाया गया था. न्यायालय द्वारा 31 जनवरी को ही जारी आदेश के बावजूद कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर अजमानतीय वारंट जारी किया गया था. इसके आलोक में आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. उनको गिरफ्तार कर थाना लाए जाने की जानकारी मिलने के साथ ही सुबह नगर थाना पर उनके करीबियों की भीड़ लग गई. इसे संभालने के लिए पुलिस को अलग मशक्कत करनी पड़ी.

बताते चलें कि भूमि संबंधित मामलों में फर्जीवाड़ा करने के उन पर पूर्व में आधा दर्जन के करीब मामले दर्ज हैं, जिनकी सुनवाई न्यायालय में चल रही है. इन्हीं में से किसी मामले की सुनवाई के क्रम में कोर्ट द्वारा उनको तलब किया गया था, हालांकि वह न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुए ऐसे में उनके विरुद्ध अजमानतीय यह वारंट जारी हो गया था.










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