बताया कि उपभोक्ता यदि एक रुपये की कोई वस्तु खरीदने हैं तो भी उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए आयोग उसी तरह प्रतिबद्ध है जिस प्रकार 10 लाख रुपये की सामग्री खरीदने वाले उपभोक्ता के अधिकारों के लिए. ऐसे में कोई भी उपभोक्ता बेहिचक यहां आकर अपनी समस्याओं का त्वरित व बेहतर निदान पा सकता है.
- उपभोक्ता आयोग में आयोजित हुई जागरूकता विचार गोष्ठी
- मौजूद रहे आयोग के सदस्य, कर्मी व अधिवक्ता
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : विश्व उपभोक्ता दिवस पर व्यवहार न्यायालय के समीप स्थित उपभोक्ता आयोग में एक जागरूकता कार्यक्रम व विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. मौके पर जिला उपभोक्ता आयोग के सदस्य राजीव कुमार ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भुगतान के अधिकारों की रक्षा के लिए उपभोक्ता आयोग का गठन हुआ है, जिसके तहत कोई भी उपभोक्ता अपने साथ हुए किसी भी प्रकार की ठगी आदि की शिकायत कर सकता है. खास बात यह है कि यहां उपभोक्ताओं को किसी अधिवक्ता की जरूरत नहीं होती है. वह स्वयं भी आकर अपनी शिकायत उपभोक्ता आयोग के समक्ष रख सकते हैं. यहां उन्हें किसी प्रकार का कोई शुल्क भी नहीं देना पड़ता. उन्होंने बताया कि उपभोक्ता यदि एक रुपये की कोई वस्तु खरीदने हैं तो भी उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए आयोग उसी तरह प्रतिबद्ध है जिस प्रकार 10 लाख रुपये की सामग्री खरीदने वाले उपभोक्ता के अधिकारों के लिए. ऐसे में कोई भी उपभोक्ता बेहिचक यहां आकर अपनी समस्याओं का त्वरित व बेहतर निदान पा सकता है.
मौके पर अधिवक्ता विद्यासागर तिवारी ने बताया कि उपभोक्ता आयोग उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहता है. उपभोक्ता आयोग के कई फैसले इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है. हालांकि जानकारी के अभाव में लोग उपभोक्ता आयोग तक नहीं पहुंच पाते लेकिन उन्हें चाहिए कि वह अपने अधिकारों के हनन पर आवाज़ उठाएं और उपभोक्ता न्यायालय से त्वरित न्याय प्राप्त करें.
बसंत कुमार चौबे ने बताया कि उपभोक्ता आयोग के द्वारा लोगों को त्वरित न्याय दिलाने का प्रयास किया जाता है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि अलग-अलग कारणों से उपभोक्ताओं को न्याय मिलने में देरी हो जाती है. ऐसे में उपभोक्ताओं को भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहते हुए उपभोक्ता आयोग के माध्यम से उनकी रक्षा करनी चाहिए.
कुमार ने कहा कि उपभोक्ता आयोग उपभोक्ताओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए कार्यकर्ता है यहां उपभोक्ता अपनी बातों को स्वयं भी रख सकते हैं. उन्हें किसी भी अधिवक्ता की जरूरत नहीं है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जब मामला जटिल होता है और उसमें कानूनी ज्ञान की आवश्यकता होती है तो पीड़ित उपभोक्ता अधिवक्ताओं के सहारे अपनी बात बेहतर तरीके से रख पाते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में एक उपभोक्ता को मसाला डोसा के साथ सांभर नहीं मिलने के बाद कोई मानसिक परेशानी को देखते हुए उपभोक्ता आयोग ने संबंधित रेस्टोरेंट पर जुर्माना अधिरोपित किया था.
मौके पर आयोग के सदस्य राजीव कुमार, शिवम कुमार, अखिलेश कुमार, विकास कुमार, हरेंद्र पांडेय, विनय पांडेय, अवध बिहारी प्रसाद के साथ ही अधिवक्ता अनिरुद्ध सिंह, ददन जी सिंह, आशीष कुमार, अजय शंकर पांडेय, अनिल कुमार श्रीवास्तव, अशोक कुमार पांडेय, ब्रह्मेश्वर प्रसाद सिंह, रविंद्र तिवारी, विनोद कुमार तथा राजेश चौबे मौजूद रहे.
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