इससे बड़ा शर्मनाक वाकया हमारे बिहार एवं बहुजन समाज के लिए नही हो सकता की उनको अस्पताल ले जाने के लिए एक एंबुलेंस तक की व्यवस्था प्रशासन नही कर पाई. उन्होंने नीतीश कुमार, स्थानीय सांसद और विधायक पर इस घटना में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया.
-बोले अनिल कुमार : बक्सर के साथ अन्याय कतई बर्दाश्त नही
-लगाया आरोप - प्रशासन ने जानबूझकर मौत के मुंह में पहुंचाया
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : गुरुवार को बसपा प्रत्याशी अनिल कुमार राजपुर विधानसभा अंतर्गत इटाढी प्रखंड के बगही नारायणपुर में पिछले दिनों हुए अग्निकांड के पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. यहां पीड़ित परिवार से मिलकर घटना की जानकारी ली तथा परिवार को ढाढस बढ़ाया. इस अग्निकांड में पूर्व बीडीसी ददन राम के परिवार के तीन लोगों की मौत हो चुकी है और एक अभी भी जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है. इस दौरान अनिल कुमार ने कहा कि इस परिवार में इतनी बड़ी घटना हो गई और प्रशासन के लोग तक नही पहुंचे. धन्य है नीतीश कुमार, धन्य है यहां के सांसद और विधायक. एक परिवार के चार लोग आग से झुलस जाते है और इनको इस परिवार का दर्द नही दिखता. इससे बड़ा शर्मनाक वाकया हमारे बिहार एवं बहुजन समाज के लिए नही हो सकता की उनको अस्पताल ले जाने के लिए एक एंबुलेंस तक की व्यवस्था प्रशासन नही कर पाई. उन्होंने नीतीश कुमार, स्थानीय सांसद और विधायक पर इस घटना में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार इस बिहार को कौन सा तमाशा बनाना चाह रहे हैं? यह कैसी विडंबना है की आग में झुलसे लोगों को स्थानीय लोगों के द्वारा एक पिकअप वैन में लादकर ले जाया गया. आप कहते हैं की डायल-112 से एंबुलेंस आ जायेगी मगर घटना के 4 घंटे बाद एंबुलेंस पहुंचती है. क्या चार चार घंटे लोग घर में तड़पते रहें? घटना की सूचना बीडीओ और सीओ को दी गई मगर किसी ने भी इसको संज्ञान में लेने का काम नही किया और यही संज्ञान न लेने की वजह से आज तीन लोगों की मौत हो चुकी है. उन्होंने शासन-प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मृत्यु के लिए कौन जिम्मेवार है? प्रशासन के लोग इतने निरंकुश हो गए हैं कि आग लगने के एक दिन बाद फायर बिग्रेड की गाड़ी भेजते है? इसके लिए कौन जबाबदेह है? यहां के सांसद, यहां के विधायक कहां खो गए है? यह हमारे बहुजन समाज के साथ अन्याय है. यह बक्सर के साथ अन्याय है. यह अन्याय बर्दाश्त नही किया जाएगा.
अनिल कुमार ने कहा कि यह साधारण मृत्यु नहीं है. प्रशासन के द्वारा हमारे परिवार को जान-बूझकर मारा गया है. क्या बहुजन समाज के लोग इसी तरह से मरते रहेंगे, दम तोड़ते रहेंगे? यह अपने आप में प्रशासन के नाकामी को उजागर करता है और बहुजन समाज के प्रति इस डबल इंजन की सरकार के विजन को प्रदर्शित करता है. परिवार के एक सदस्य आज भी जीवन और मौत के बीच जूझ रहा है इसका कोई सुधि लेने वाला नही है. हम जिला प्रशासन से यह कहना चाहते है की इस घटना को जहन में लेते हुए तत्काल मृतक के परिवार के साथ खड़े हो और जो आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए वो मिले. इस घटना के लिए प्रशासन पर मुकदमे दर्ज होने चाहिए और जो इस में दोषी हो उन पर त्वरित कारवाई हो.
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