वीडियो : वायरल पत्र बना चर्चा का विषय, रिश्तो में दगाबाजी और सेंट्रल जेल में बेगुनाह के सजा भुगतने का दावा ..

हर व्यक्ति इस पत्र की सच्चाई को जानने के लिए परेशान दिखाई दे रहा है. सोशल मीडिया के माध्यम से ही लोग रिश्तों की दगाबाजी और एक बेगुनाह के सजा भुगतने की कहानी में अपनी राय जोड़ते नजर आ रहे हैं. 










- मामले की जानकारी मिलते ही एसपी मनीष कुमार ने दिए जांच के आदेश
- कारा अधीक्षक ने कहा - जेल में नहीं बंद है इस तरह का कोई भी बंदी

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : सोशल मीडिया में एक पत्र तेजी से वायरल हो रहा है. इस पत्र में एक पति ने यह दावा किया है कि वह अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में एक दशक से ज्यादा समय से जेल में बंद है जबकि उसकी पत्नी जिंदा है तथा उसने एक निजी स्कूल के प्राचार्य से शादी कर ली है. हर व्यक्ति इस पत्र की सच्चाई को जानने के लिए परेशान दिखाई दे रहा है. सोशल मीडिया के माध्यम से ही लोग रिश्तों की दगाबाजी और एक बेगुनाह के सजा भुगतने की कहानी में अपनी राय जोड़ते नजर आ रहे हैं. एसपी मनीष कुमार ने इस मामले की जांच का जिम्मा नगर थानाध्यक्ष को सौंपा है. जबकि कारा अधीक्षक ज्ञानिता गौरव ने कहा है कि पत्र में जिस बंदी के नाम का जिक्र है उस नाम का बंदी जेल में बंद ही नहीं है. स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक शहर के ज्योति प्रकाश चौक के पास सोमवार को दिन में कुछ लोगों के द्वारा राहगीरों के बीच इस पम्पलेट का वितरण किया गया. जिसे अब सोशल प्लेटफॉर्म पर शेयर कर हर कोई यह पता करने की कोशिश में लगा है कि इसके पीछे की सच्चाई क्या है?

क्या लिखा है वायरल हो रहे इस पत्र में?

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस पत्र के सबसे उपरी हिस्से में धोखा-धोखा-धोखा लिखा गया है. इस पत्र को लिखने वाले सुनील तिवारी नामक शख्स का दावा है कि वह सेंट्रल जेल के गांधी वार्ड से यह पत्र लिख रहा है. उसने आगे लिखा है कि मेरी शादी 5 मई 2011 को हुई थी. मेरी पत्नी डुमरांव डीएवी पब्लिक स्कूल में कार्यरत थी. हमलोग बहुत खुश थे. हमारे पुत्र ने जन्म लिया जिसका नाम आशीष है. स्कूल के शिक्षक इंचार्ज वी आनन्द सर अक्सर मेरे घर आया जाया करते थे. 15 अगस्त 2012 के दिन भी वह मेरे घर आये थे. जहां मेरी माँ ने मेरी पत्नी के साथ उन्हें आपत्तिजनक अवस्था मे देख लिया. उक्त शिक्षक मेरी माँ की आंखों में कुछ फेंककर अपने गाड़ी से भाग निकले. चार दिन बाद 19 अगस्त 2012 को मेरी पत्नी भी घर से भाग गई, उसके मायके वालों ने दहेज के लिए हत्या का मामला मेरे विरुद्ध दर्ज कराया. 13 साल से बेगुनाह होते हुए भी जेल में हूँ. क्योकि मेरी पत्नी जिंदा है.और वह डीएवी पब्लिक स्कूल बक्सर के प्रिंसिपल के साथ नाम बदलकर आईटीआई फील्ड के पास रह रही है. सजा काटने के दौरान मेरी माँ की मृत्यु जेल में ही हो गई थी. मैं इस अपमान को सहन नही कर पा रहा हूँ. शायद मैं भी जिंदा ना रहू. मैं कायर नही हूँ.लेकिन खंजर अपनों ने ही सीने पर नही पीठ पर मारा है.

कहते हैं स्कूल के प्राचार्य :

डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल वी आनंद का कहना है कि इस पत्र में जो भी दावा किया गया है वह पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है. उन्होंने बताया कि मामला फरवरी 2024 में जिले के सोनवर्षा में डीएवी पब्लिक स्कूल के नाम से एक फर्जी स्कूल खोले जाने से जुड़ा हुआ है. इस मामले की जानकारी होने पर उन्होंने स्कूल खोलने वालों को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी थी. बाद में वही लोग बक्सर स्थित उनके आवास पर पहुंचकर उन्हें धमकाने लगे थे. साथ ही उन्होंने उसी वक्त बदनाम करने की भी धमकी दी थी. संभवत: उन्ही लोगों के द्वारा इस तरह का कुकृत्य किया गया है. हालांकि उस वक्त भी थाने में सनहा दर्ज कराया गया था और अब एक बार फिर इस मामले की शिकायत थाने में की जाएगी. प्राचार्य ने बताया कि वह दक्षिण भारतीय हैं और उनकी शादी वर्ष 2000 में ही हो चुकी है. इतना ही नहीं पत्र में किया गया वह दावा भी गलत है जिसमें वर्ष 2011 अथवा 2012 में महिला के डीएवी डुमरांव में पढ़ाने की बात कही गई है. क्योंकि उस वक्त डुमरांव में डीएवी पब्लिक स्कूल की शाखा थी ही नहीं.

कहते हैं एसपी :
इस तरह के पर्चे के बांटे जाने की जानकारी मिली है. मामले की जांच के निर्देश नगर थानाध्यक्ष को दिए गए हैं. हालांकि अब तक इस मामले को लेकर कोई भी व्यक्ति शिकायत करने नहीं पहुंचा है.
मनीष कुमार 
एसपी, बक्सर

वीडियो : 











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