शिक्षक दिवस समारोह में 14 शिक्षकों को डीएम के हाथों मिला सम्मान ..

सभी सम्मानित शिक्षकों से आग्रह किया गया कि वह छात्र-छात्राओं के अंदर जिज्ञासा और समग्र विकास की भावना को विकसित करें ताकि वह एक रचनात्मक व प्रबुद्ध नागरिक के रूप में स्वयं को ढाल सके.










- शिक्षक दिवस के अवसर पर समारोह का आयोजन
- समाहरणालय सभागार में आयोजित हुआ कार्यक्रम

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : शिक्षक दिवस के अवसर पर समाहरणालय सभागार में शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमे जिलाधिकारी अंशुल द्वारा बक्सर जिलांतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले कुल 14 शिक्षकों को सम्मानित किया गया.

सर्वप्रथम जिलाधिकारी द्वारा भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर श्रद्धांजलि दी गई एवं सभी शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं दी गई. डॉ० राधाकृष्णन की धारणा थी कि समाज का प्रत्येक वर्ग शिक्षित हो एवं शिक्षा के प्रकाश से जन-जन का जीवन आलोकित हो. जिलाधिकारी द्वारा शिक्षकों के योगदान के बारे में सभी को अवगत कराया गया.

सम्मानित शिक्षकों के नाम :

जिला पदाधिकारी द्वारा शिक्षा से संबंधित अच्छे कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. जिनके नाम निम्नवत हैं:

1. कन्हैया राय, राज्य संपोषित बालिका उच्च विद्यालय बक्सर
2. सुधीर कुमार सिंह, उच्च विद्यालय चकनी हठिलपुर
3. प्रवीन कुमार, मध्य विद्यालय मसर्हियॉ
4. अशोक राम, प्राथमिक विद्यालय नोनियाडेरा
5. दिलीप कुमार, मध्य विद्यालय पवनी
6. मो0 अशफाक, +2 सी0पी0 एस0 उच्च विद्यालय डुमरॉव,
7. मो0 शनवर अंसारी, प्राथमिक विद्यालय चुआड
8. प्रिया रंजन, मध्य विद्यालय चिलहरी
9. त्रिवेणी राम, मध्य विद्यालय शिवपूर पश्चिमी, केसठ
10. सत्येन्द्र कुमार ओझा, प्रा0वि0 पंचायत भवन पैगम्बरपुर, सिमरी
11. सुरेन्द्र कुमार सिंह उत्क्रमित उच्च विद्यालय गोविन्दपुर
12. अंसारी रूबीना बानो, के0जी0बी0भी0, नावानगर
13. रहमत अली अंसारी कन्या मध्य विद्यालय इन्दौर
14. प्रतापी भीम राव भास्कर, मध्य विद्यालय पुरैनीकला

शिक्षकों को किया गया प्रेरित : 

जिला पदाधिकारी के द्वारा सरकार के स्तर से शिक्षा विभाग एवं विद्यालयों में हो रहे लगातार सुधार की भी जानकारी सभी शिक्षको को दी गई. उपस्थित सभी शिक्षको को विद्यालय स्तर पर गुणात्मक सुधार हेतु प्रेरित भी किया गया. जिलाधिकारी द्वारा जिले के सभी सम्मानित शिक्षकों से आग्रह किया गया कि वह छात्र-छात्राओं के अंदर जिज्ञासा और समग्र विकास की भावना को विकसित करें ताकि वह एक रचनात्मक व प्रबुद्ध नागरिक के रूप में स्वयं को ढाल सके.












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