कहा कि क्या बिहार पुलिस की कार्य संस्कृति ऐसे ही है? यदि एक सांसद के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा सकता है तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी? उन्होंने इस घटना को लोकतांत्रिक मूल्यों का घोर उल्लंघन बताया है. उन्होंने कहा कि यह संपूर्ण कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगता है.
- सांसद ने मामले को लेकर दी कड़ी प्रतिक्रिया
- सांसद ने कहा - किसानों को भी धमका रहे थे थानाध्यक्ष
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : सांसद सुधाकर सिंह को एक व्यक्ति के द्वारा धमकी दी गई है. इस बात की लिखित शिकायत उन्होंने रामगढ़ थाने में दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई उल्टे थाना अध्यक्ष ने भी उनसे अभद्र व्यवहार किया तो उन्होंने इस पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि बिहार की सरकार सुशासन के लाख दावे करें लेकिन हालत क्या है वह साफ देखा जा सकता है.
संसद का कहना है कि उन्हें मोबाइल नंबर 9973227473 से अभिनंदन कुमार नामक एक व्यक्ति ने धमकी दी और अभद्र भाषा का प्रयोग किया इस बात को लेकर उन्होंने रामगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसी बीच रामगढ़ प्रखंड के ग्राम नरहन और लबेदा के स्थानीय किसानों ने उनसे यह शिकायत की थी कि बिजली विभाग से जुड़े एक मामले को लेकर रामगढ़ थानाध्यक्ष के द्वारा उन्हें धमकी दी जा रही है. जब सांसद ने इस संदर्भ में थानाध्यक्ष से बात की तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब तो नहीं दिया साथ ही यह कह दिया कि वह उनके जैसे कई सांसदों और विधायकों को थानाध्यक्ष अपनी जेब में रखकर घूमते हैं. उन्हें जहां शिकायत करनी हो वह कर सकते हैं. उनका कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता. सांसद का कहना है कि यह टिप्पणी न केवल अनुचित बाल की एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के प्रति घोर अपमानजनक भी है.
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि क्या बिहार पुलिस की कार्य संस्कृति ऐसे ही है? यदि एक सांसद के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा सकता है तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी? उन्होंने इस घटना को लोकतांत्रिक मूल्यों का घोर उल्लंघन बताया है. उन्होंने कहा कि यह संपूर्ण कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगता है.
सांसद के मुताबिक यह स्थिति राजनीतिक हस्तक्षेप और संभावित भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करती है. यह स्पष्ट है कि पूरा घटनाक्रम उन्हें कमजोर करने के लिए रचा जा रहा है. लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि धमकियों से मैं डरने वाला नहीं हूं. अब तक मुझे कमजोर करने के बहुत प्रयास किए गए और आगे भी किए जाएंगे, लेकिन लोकतंत्र में जनता मालिक है ना कि सरकार और उनकी पुलिस.
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