बरामदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या यह सोना तस्करी का हिस्सा था? क्या रेलवे कर्मचारी की भूमिका केवल संयोग है, या वह किसी बड़े गिरोह से जुड़ा है? इन सभी सवालों के जवाब जांच पूरी होने के बाद ही मिल पाएंगे. फिलहाल, पुलिस दोनों संदिग्धों से गहन पूछताछ कर रही है.
- एनएच 922 पर टोल प्लाजा के पास पुलिस की बड़ी कार्रवाई
- रेलवे कर्मचारी और चालक पर शक, सीबीआई जांच के संकेत
बक्सर टॉप न्यूज़, : एनएच 922 स्थित दलसागर टोल प्लाजा के पास शनिवार रात पुलिस की सतर्कता ने बड़ा खुलासा किया. वाहन जांच के दौरान एक स्कार्पियो से 800 ग्राम वजनी सोने के 8 बिस्कुट बरामद किए गए. बाजार में इनकी कीमत करीब 66 लाख रुपये आंकी गई है. गुप्त सूचना पर की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने वाहन में सवार दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है, जिनमें एक रेलवे कर्मचारी है.
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत सीबीआई, आयकर विभाग और रेलवे के अधिकारियों को सूचित कर दिया. अब इन एजेंसियों से सहयोग लेकर मामले की जांच को आगे बढ़ाया जाएगा.
घटना के बाबत मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार रात पुलिस को सूचना मिली कि पटना से बक्सर आ रही एक स्कार्पियो संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त हो सकती है. इसके बाद एसडीपीओ धीरज कुमार के नेतृत्व में टोल प्लाजा पर वाहन जांच अभियान चलाया गया. स्कार्पियो को रोककर जांच की गई, तो उसमें बैठे व्यक्तियों के पास से 800 ग्राम वजनी सोने के बिस्कुट बरामद हुए. सोने को बेहद सावधानी से छिपाकर रखा गया था, लेकिन पुलिस की सतर्कता के आगे उनकी चालाकी विफल रही.
जांच के दौरान पकड़े गए व्यक्तियों में से एक की पहचान पटना जिला अंतर्गत पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के नेहरु नगर निवासी विवेक रंजन के रूप में हुई. वह रेलवे में वरीय प्रशाखा अभियंता के पद पर कार्यरत है, दूसरे व्यक्ति का नाम गुंजन कुमार है, जो कादिरगंज थाना क्षेत्र के मनकीपुर का निवासी है और वाहन का चालक बताया जा रहा है.
पुलिस की मुस्तैदी और जांच की दिशा :
जांच अभियान के दौरान औद्योगिक थानाध्यक्ष संजय कुमार और सशस्त्र बल के जवान भी मौजूद रहे. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि बरामद सोना कहां से आया और इसे कहां ले जाया जा रहा था? साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि पकड़े गए व्यक्तियों का कोई आपराधिक इतिहास है या नहीं.
सोने की बरामदगी ने खड़े किए कई सवाल :
इस बरामदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या यह सोना तस्करी का हिस्सा था? क्या रेलवे कर्मचारी की भूमिका केवल संयोग है, या वह किसी बड़े गिरोह से जुड़ा है? इन सभी सवालों के जवाब जांच पूरी होने के बाद ही मिल पाएंगे. फिलहाल, पुलिस दोनों संदिग्धों से गहन पूछताछ कर रही है.
इस कार्रवाई ने जिले में पुलिस की मुस्तैदी और गुप्त सूचनाओं पर कार्रवाई की तत्परता को एक बार फिर साबित किया है. वहीं, स्थानीय लोग भी इस खुलासे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं.
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