उन्होंने यह भी बताया कि टोल प्लाजा पर जिस तरह से मनमानी ढंग से वसूली की जा रही है उसके कारण भी वाहन चालक भागने की फिराक में रहते हैं. उन्होंने कहा कि सर्वविदित है कि लोकल वाहनों से टोल नहीं लेना है, लेकिन बक्सर से डुमरांव जाने वाले वाहनों से जबरन टोल लिया जा रहा है.
- घटना की सूचना पर पहुंचे थे बीडीओ, सीओ व विभिन्न थानाध्यक्ष
- शाम तकरीबन सात बजे हुआ था हादसा
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर दलसागर के समीप सोमवार की शाम तकरीबन 7:00 बजे सड़क दुर्घटना मजदूर की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया. तकरीबन 4 घंटे के बाद रात्रि लगभग 11:00 बजे जाम खत्म हो सका. इसके पूर्व जाम लगने की सूचना पर प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु शरण पांडेय एवं अंचल अधिकारी, औद्योगिक थानाध्यक्ष संजय कुमार के साथ-साथ मुरार थानाध्यक्ष एवं नया भोजपुर ओपीध्यक्ष मनीष कुमार भी मौके पर पहुंच गए और लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास शुरु किया. हालांकि लोग जाम खत्म को तैयार नहीं थे और वह मुआवजे की मांग को लेकर अड़े हुए थे. ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर लंबा जाम लग गया था. बाद में मौके पर युवा जदयू जिलाध्यक्ष मोहित कुशवाहा भी पहुंचे और उन्होंने मृतक के स्वजनों को तत्काल 20 हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता जबकि भोजपुर ओपी थानाध्यक्ष ने 10 हज़ार रुपये की सहायता राशि दी और जाम खत्म कराया.
सोमवार की शाम सुमन यादव, पिता गंगा मुनि यादव, जो बक्सर में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे, साइकिल से अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान दलसागर टोल प्लाजा के पास एक तेज रफ्तार कंटेनर ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद औद्योगिक थाना के थानाध्यक्ष संजय कुमार टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और कंटेनर चालक को हिरासत में ले लिया.
टोल कर्मियों की मनमानी के कारण हुआ हादसा :
मोहित ने बताया कि दुर्घटना कंटेनर चालक की गलती से हुई है. वह कंटेनर लेकर भाग रहा था. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि टोल प्लाजा पर जिस तरह से मनमानी ढंग से वसूली की जा रही है उसके कारण भी वाहन चालक भागने की फिराक में रहते हैं. उन्होंने कहा कि सर्वविदित है कि लोकल वाहनों से टोल नहीं लेना है, लेकिन बक्सर से डुमरांव जाने वाले वाहनों से भी जबरन टोल लिया जा रहा है.
परिवार के सामने खड़ा हुआ बड़ा आर्थिक संकट :
सुमन यादव के परिवार में उनकी पत्नी और तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनकी देखभाल का एकमात्र सहारा वही थे. उनकी असामयिक मौत से परिवार पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा है. स्थानीय लोगों ने इस दुखद घटना के बाद सरकार से मृतक के परिवार को आर्थिक मुआवजा देने की मांग की है.
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