जेल में गूंज रहे छठ के गीत, बंदियों के लिए खास तैयारी

जेल में इस प्रकार के आयोजनों से कैदी अपनी गलतियों के प्रति पश्चाताप कर सकते हैं और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझ सकते हैं. जेल प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कैदियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे आसानी से पर्व मना सकें.








                                            




- केंद्रीय कारा में पोखर की हुई सफाई, महिला मंडल कारा में बना अस्थायी पोखर
- पूजा सामग्री, सूप, दऊरा, और नए कपड़ों की हो रही व्यवस्था

बक्सर टॉप न्यूज़, ब्यक्सर : केंद्रीय कारा व महिला मंडल कारा में इस वर्ष भी छठ का महापर्व पूरे भक्ति भाव से मनाया जा रहा है. जेल के पुरुष और महिला कैदी आस्था का यह पर्व मनाने के लिए तैयार हैं, जिसमें सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा निभाई जाएगी. जेल प्रशासन ने कैदियों के लिए खास तैयारी करते हुए पूजा सामग्री, सूप, दऊरा, और नए कपड़ों की व्यवस्था की है. केंद्रीय कारा में जहां पोखर की साफ-सफाई की गयी है जबकि महिला मंडल कारा में अस्थायी पोखर का निर्माण किया गया है.

बक्सर केंद्रीय कारा में छठ पर्व की तैयारी जोरों पर है. उपाधीक्षक संदीप कुमार ने बताया कि इस बार नौ पुरुष बंदी छठ व्रत कर रहे हैं. इन सभी बंदियों को जेल प्रशासन द्वारा पूजन सामग्री वितरित की जाएगी. प्रशासन का उद्देश्य है कि इस महापर्व के माध्यम से कैदियों में सकारात्मकता का संचार हो. जेल परिसर के पोखर को साफ कर लिया गया है ताकि कैदी बिना किसी असुविधा के सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर सकें. व्रत करने वाले बंदियों में वीर बहादुर राम, रोहित चौधरी, राकेश पासवान, ऋषिकेश राय, अनिल यादव, मुखलाल चौधरी, छोटक प्रसाद उर्फ अविनाश और बृजेंद्र यादव शामिल हैं.

महिला मंडल कारा की विशेष व्यवस्था : 

महिला मंडल कारा में भी छठ पर्व के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं. महिला मंडल कारा की उपाधीक्षक निधि कुमारी ने बताया कि पांच महिला बंदियों ने इस बार छठ करने की इच्छा जताई थी, जिनमें मुस्लिम महिला भी शामिल है. जो बंदी इस बार छठ कर रही हैं उनमें रुखसाना खातून, मंजू देवी, सरिता देवी, धर्मावती देवी और मुन्नी देवी शामिल हैं. इनके लिए मंडल कारा के अंदर अस्थायी पोखर का निर्माण किया गया है ताकि सभी महिला बंदी आसानी से पूजा कर सकें. प्रशासन ने सभी महिला बंदियों के लिए नए कपड़े, फल, सूप, नारियल और मिठाई की व्यवस्था की है.

आयोजन के माध्यम से कैदियों के जीवन में सकारात्मकता का संचार : 

जेल प्रशासन ने इस पर्व के आयोजन का उद्देश्य कैदियों में आस्था और विश्वास की भावना को प्रोत्साहित करना बताया है. जेल उपाधीक्षक का मानना है कि छठ जैसे पर्व कैदियों के मनोबल को मजबूत करते हैं और उनके जीवन में सकारात्मकता लाते हैं. जेल में इस प्रकार के आयोजनों से कैदी अपनी गलतियों के प्रति पश्चाताप कर सकते हैं और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझ सकते हैं. जेल प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि कैदियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे आसानी से पर्व मना सकें.

समाज को भी मिलता है बड़ा संन्देश :

छठ पर्व न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि यह कैदियों के लिए एकजुटता और समर्पण का प्रतीक बन गया है. इस प्रकार के आयोजनों से न केवल जेल के भीतर बल्कि समाज में भी यह संदेश जाता है कि पर्वों के माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सुधार और बदलाव ला सकता है.









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