सिखाया था कि दिव्यांग बच्चे ईश्वर का स्वरूप होते हैं, और उनका सहयोग करना जीवन का एक उद्देश्य होना चाहिए. माता-पिता द्वारा दिए गए इन संस्कारों से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने इस पुण्यतिथि को दिव्यांग बच्चों की सेवा में समर्पित किया.
- समाजसेवा की मिसाल: सिद्धेश्वरी देवी के संस्कारों का अनुसरण
- दिव्यांग बच्चों के बीच पठन-पाठन सामग्री और भोजन वितरित कर दी श्रद्धांजलि
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : अपनी मां सिद्धेश्वरी देवी की चौथी पुण्यतिथि पर सुमेश्वर स्थान निवासी अधिवक्ता दयासागर पाण्डेय और समाजिक कार्यकर्ता सह अधिवक्ता राघव कुमार पाण्डेय ने दिव्यांग बच्चों के बीच पठन-पाठन सामग्री और भोजन का पैकेट वितरित किया. इस अवसर पर संजो समारितान दिव्यांग स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में वंचित बच्चों को शिक्षण सामग्री प्रदान की गई.
इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए राघव कुमार पाण्डेय ने बताया कि उनकी मां ने हमेशा समाज के वंचित वर्ग की सहायता करने का संदेश दिया. उन्होंने बताया कि उनकी मां सिद्धेश्वरी देवी ने यह सिखाया था कि दिव्यांग बच्चे ईश्वर का स्वरूप होते हैं, और उनका सहयोग करना जीवन का एक उद्देश्य होना चाहिए. माता-पिता द्वारा दिए गए इन संस्कारों से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने इस पुण्यतिथि को दिव्यांग बच्चों की सेवा में समर्पित किया.
इस आयोजन में दिव्यांग स्कूल के प्रिंसिपल और सिस्टरों ने भी इस सेवा के प्रति आभार व्यक्त किया. प्रिंसिपल सिस्टर रेशमा ने कहा कि समाज में ऐसे कार्यों से बच्चों को प्रोत्साहन मिलता है. इस मौके पर सिस्टर रंजीता, सिस्टर अलीना, सिस्टर नीलिमा और सिस्टर जनिता ने भी कार्यक्रम में योगदान दिया. विहिप कार्यकारी अध्यक्ष चन्द्रभूषण ओझा, समाजसेवी सह अधिवक्ता मनमन पाण्डेय, अधिवक्ता दयासागर पाण्डेय, मुकुंद सनातन, निक्कू ओझा, सत्यम कुमार, गूगल तिवारी, सूरज कुमार और अंकित कुमार जैसे कई गणमान्य लोग इस आयोजन में उपस्थित थे.
इस प्रकार, दिव्यांग बच्चों के बीच शिक्षण सामग्री और भोजन का वितरण कर पाण्डेय परिवार ने अपनी मां को श्रद्धांजलि अर्पित की.
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