डीएम के औचक निरीक्षण में एमपी हाई स्कूल की खस्ता हालत, प्रधानाध्यापक का रोका गया वेतन

चौंकाने वाली बात यह रही कि बिना जिला शिक्षा पदाधिकारी की जानकारी के तीन-चार कमरों को पुलिस बल के उपयोग के लिए आवंटित कर दिया गया था, जबकि शिक्षा विभाग ने इस पर रोक लगाई है.






                                            




  • -छात्रों की कम उपस्थिति और असंतोषजनक सुविधाओं पर जताई चिंता
  • शिक्षा विभाग को विद्यालय की जांच का निर्देश

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल द्वारा एमपी हाई स्कूल में औचक निरीक्षण के दौरान स्कूल की बदहाल स्थिति पर प्रधानाध्यापक का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया. निरीक्षण में पाया गया कि छात्रों की उपस्थिति नगण्य थी. दसवीं के चार सेक्शन में केवल 27 और नौवीं के तीन सेक्शन में मात्र 65 छात्र-छात्राएं उपस्थित थे, जो स्कूल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है.

निरीक्षण के दौरान शौचालय की स्थिति अत्यंत असंतोषजनक पाई गई, जिस पर वहां अध्ययनरत छात्रों ने भी शिकायत की. कई भवन जर्जर अवस्था में मिले और कुछ हॉल उपयोग के अभाव में बंद पाए गए. शहर के स्कूलों को सुधारने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा प्रधानाध्यापक को निर्देश दिए गए थे, लेकिन उनकी ओर से कोई ठोस कार्य योजना नहीं दिखी. उपलब्ध राशि के बावजूद स्कूल के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए.

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बिना जिला शिक्षा पदाधिकारी की जानकारी के तीन-चार कमरों को पुलिस बल के उपयोग के लिए आवंटित कर दिया गया था, जबकि शिक्षा विभाग ने इस पर रोक लगाई है.

इस स्थिति के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी को विद्यालय की गहन जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, निरीक्षण के दौरान उपस्थित केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य के अनुरोध पर स्कूल संचालन के लिए चार कक्षाओं की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया. निरीक्षण के समय उप विकास आयुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी और प्रधानाध्यापक भी उपस्थित थे.











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