ब्रीफकेस नहीं अब ड्रिफकेस में रखें अपनी स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी जानकारी, एक क्लिक में कहीं भी उपलब्ध

कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं होता. ऐसे मरीजों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने एक व्यक्ति को काउंटर पर नियुक्त किया है. यह व्यक्ति उन मरीजों की मदद करता है जिनके पास स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है, ताकि वे भी इस डिजिटल प्रणाली का लाभ उठा सकें.
एप्लिकेशन में जानकारी भरते रोगी






                                            





- सदर अस्पताल के रोगियों को भी मिल रही सहूलियत
- पूरे भारत में कहीं भी ऑनलाइन जान सकते हैं अपना पूरा हेल्थ रिकॉर्ड


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : डिजिटल युग में तकनीक ने हर क्षेत्र को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. स्वास्थ्य सेवाओं में भी इसी तकनीकी बदलाव के तहत "ड्रिफकेस एप" एक बड़ी क्रांति बनकर उभरा है. इस एप के माध्यम से मरीजों की चिकित्सा से जुड़ी सभी जानकारियां डिजिटल रूप में संग्रहीत की जा रही हैं. इससे इलाज न केवल अधिक आसान हुआ है, बल्कि मरीज और चिकित्सक दोनों के लिए सहूलियतें भी बढ़ी हैं.

ड्रिफकेस एप : स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने की पहल 

ड्रिफकेस एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जो मरीज के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल स्वरूप में स्टोर करती है. इसके जरिए मरीज के पुराने इलाज, दवाइयों और बीमारियों का पूरा ब्यौरा चिकित्सक के पास उपलब्ध हो जाता है. पंजीकरण के लिए मरीज को गूगल प्ले स्टोर अथवा सदर अस्पताल के काउंटर पर जाकर यह एप अपने मोबाइल में इंस्टॉल करना होता है.

ड्रिफकेस एप के प्रमुख लाभ :

- मेडिकल रिकॉर्ड्स अब डिजिटल हो जाने से मरीज को हार्ड कॉपी साथ ले जाने की जरूरत नहीं
  • - एप का डेटा पूरे भारत में कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है
  • - चिकित्सकों को मरीज के पुराने इलाज और दवाइयों की पूरी जानकारी तुरंत मिलती है, जिससे इलाज की प्रक्रिया प्रभावी हो जाती है
  • - यह सुविधा मुफ्त में उपलब्ध है और इसे इस्तेमाल करना बेहद सरल है

डिजिटल प्रणाली ने मरीजों को दी राहत :

अपने पिता सत्येंद्र कुमार पांडेय का इलाज कराने पहुंचे इंजीनियर दीपक पांडेय ने बताया कि यह एप्लीकेशन इतना सरल है कि सदर अस्पताल में लगने वाली लंबी कतारों से मुक्ति मिल गई. उन्होंने स्वयं ही आसानी से पंजीकरण कर लिया. इससे समय की बचत हो रही है और हेल्थ रिकॉर्ड भी डिजिटल रूप में सुरक्षित बना हुआ है.

अपनी मां सरस्वती देवी का इलाज कराने पहुंचे गौतम कुमार ने भी इस व्यवस्था की सराहना की. उन्होंने कहा, “डिजिटल रिकॉर्ड के कारण पुराने इलाज के पर्चों को संभालकर रखने की जरूरत नहीं है. यह डेटा पूरे भारत में कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है. इससे बक्सर के बाहर भी इलाज कराने की स्थिति में पर्चे घर पर भूलने की चिंता खत्म हो गई है.”

सदर अस्पताल में नई व्यवस्था से मरीजों की सहायता :

सदर अस्पताल में अब इलाज के लिए मरीजों को पर्ची की आवश्यकता नहीं होती. पंजीकरण काउंटर पर मरीज को यूनिक नंबर दिया जाता है। चिकित्सक इस नंबर के जरिए मरीज के इलाज का पूरा विवरण डिजिटल रूप से अपलोड करते हैं. जांच और इलाज के बाद दवा लेने के लिए मरीज काउंटर पर पहुंचते हैं, जहां उन्हें इलाज की हार्ड कॉपी भी दी जाती है.

हालांकि, कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिनके पास एंड्रॉयड फोन नहीं होता. ऐसे मरीजों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने एक व्यक्ति को काउंटर पर नियुक्त किया है. यह व्यक्ति उन मरीजों की मदद करता है जिनके पास स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है, ताकि वे भी इस डिजिटल प्रणाली का लाभ उठा सकें.

इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने के प्रयास : 

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के मुताबिक इस पूरी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी को और मजबूत किया गया है. इंटरनेट की समस्या को खत्म करने के लिए एक नया अतिरिक्त कनेक्शन लिया गया है, जिससे मरीजों और चिकित्सकों को कभी भी तकनीकी दिक्कत का सामना न करना पड़े.

डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं की ओर कदम :

रेड क्रॉस के सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी बताते हैं कि ड्रिफकेस एप और डिजिटल रिकॉर्ड्स की यह सुविधा स्वास्थ्य सेवाओं में एक बड़ा बदलाव है. इससे मरीजों के इलाज में न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि समय और संसाधनों की बचत भी हो रही है.

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ मनोज यादव के अनुसार, ड्रिफकेस एप और इंटरनेट कनेक्टिविटी के बेहतर प्रबंधन के साथ, यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में यह डिजिटल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाएगी.

कहते हैं अधिकारी :
डिजिटल प्रणाली के अंतर्गत मरीज के पुराने इलाज का रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध होता है, जिससे इलाज की प्रक्रिया तेज और सटीक बनती है. बक्सर के सदर अस्पताल में यह पहल स्थानीय स्तर पर एक बड़ा बदलाव साबित हो रही है और स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा दे रही है.
संजय कुमार 
उपाधीक्षक, सदर अस्पताल










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