बसंत बाबा मूल रूप से डुमरांव प्रखंड के नेनुआ गांव के निवासी थे. बचपन से ही वे नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए थे. नाथ बाबा के ब्रह्मलीन होने के बाद शील नाथ बाबा ने उत्तराधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला, जबकि बसंत बाबा अपना दायित्व निभा रहे थे.
- एक माह से वाराणसी के ट्रामा सेंटर में चल रहा था इलाज
- बचपन से ही नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए थे बसंत बाबा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नाथ संप्रदाय से जुड़े प्रख्यात संत बसंत बाबा का मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात 2:00 बजे वाराणसी के ट्रामा सेंटर में निधन हो गया. लगभग एक माह पहले सीढ़ियों से गिरने के कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे और कोमा में चले गए थे. उनका पार्थिव शरीर बक्सर लाया गया है, जहां नाथ बाबा मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है.
नाथ बाबा मंदिर में 2:00 बजे दिन तक श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिसके बाद उन्हें समाधि दी जाएगी. उनके निधन की खबर सुनते ही शिष्यों और स्थानीय लोगों के बीच शोक की लहर दौड़ गई और सभी उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचने लगे.
मॉर्निंग वॉकर क्लब के सदस्यों ने श्रद्धांजलि :
मौके रेड क्रॉस सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी, युवा उद्यमी गौरव कुमार, मॉर्निंग वॉकर क्लब के अध्यक्ष महेश पांडेय के नेतृत्व में क्लब के सदस्य ने नाथ बाबा मंदिर पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष डॉ. शशांक शेखर ने भी पत्रकारों की ओर से श्रद्धांजलि दी. मौके पर 2 मिनट का मौन रखकर शोक सभा का आयोजन किया गया.
जीवन परिचय :
बसंत बाबा मूल रूप से डुमरांव प्रखंड के नेनुआ गांव के निवासी थे. बचपन से ही वे नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए थे. नाथ बाबा के ब्रह्मलीन होने के बाद शील नाथ बाबा ने उत्तराधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला, जबकि बसंत बाबा अपना दायित्व निभा रहे थे. सीढ़ियों से गिरने के कारण उन्हें गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद से उनका इलाज चल रहा था. नाथ संप्रदाय और स्थानीय समाज ने उनके निधन को बड़ी क्षति माना है.
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